Jammu Electricity Problem: कुछ दिन और सहनी पड़ेगी बिजली कटौती की मार, जल्द मिलेगी राहत
बिजली की घोषित व अघोषित कटौती की समस्या से जूझ रहे जम्मू कश्मीर के लोगों को जल्द ही इस समस्या से राहत मिलने की खबर है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ बारिश होने के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ा है। इससे उत्पादन क्षमता 50 से 60 प्रतिशत बढ़ी है।
जागरण संवाददाता, जम्मू: बिजली की घोषित व अघोषित कटौती की समस्या से जूझ रहे जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। मार्च महीने में तापमान सामान्य होते ही नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ ही पनबिजली परियोजनाओं में बिजली उत्पादन भी बढ़ जाएगा।
बिजली की अधिक उपलब्धता के बाद लोगों को कटौती से काफी हद तक राहत मिलेगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, हिमाश्रित जम्मू-कश्मीर में सर्दियां शुरू होने के बाद पनबिजली परियोजनाओं की उत्पादन क्षमता 30 से 40 प्रतिशत ही रह गई थी।
शहरों में 8, तो गांवों में 10 घंटे बिजली कटौती
बिजली के लिए प्रदेश पूरी तरह से केंद्रीय विद्युत मंत्रालय पर निर्भर होकर रह गया था। जम्मू में बिजली की मांग 1200 से 1500 मेगावाट के करीब पहुंच गई जबकि आपूर्ति 800 से 900 मेगावाट ही हो पा रही थी। इसी तरह कश्मीर में भी बिजली की मांग 2300 से 2500 मेगावाट के करीब पहुंच गई थी
लेकिन आपूर्ति 1200-1300 मेगावाट ही हो रही थी। बढ़ती मांग पर काबू पाने के लिए विभाग शहरों में साढ़े आठ घंटे और ग्रामीण इलाकों में 10 घंटे बिजली कटौती कर रहा था।
नदियों का जलस्तर बढ़ने से बढ़ी उत्पादन क्षमता
जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि तापमान में फिर बढ़ोतरी हो रही है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ बारिश भी हो रही है। इससे नदियों का जलस्तर कुछ हद तक बढ़ा है। इससे उत्पादन क्षमता 50 से 60 प्रतिशत बढ़ी है।
बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ने के बाद कटौती कम की जा रही है। बता दें कि प्रदेश की अपनी पनबिजली परियोजनाओं से 1211 मेगावाट जबकि केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं से 2009 मेगावाट बिजली का दोहन किया जाता है।
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