बंगाल के हड़ताली डाक्टरों का समर्थन, कल ओपीडी रहेगी बंद, रूटीन आपरेशन भी नहीं होंगे Jammu News
आए दिन तिमारदार या फिर मरीज डाक्टरों से उलझ पड़ते हैं। बात हाथापाई व मारपीट तक पहुंच जाती है। जम्मू में भी इस तरह के मामले कई बार पेश आ चुके हैं।
जम्मू, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के डाक्टरों के समर्थन में राजकीय मेडिकल कालेज और सहायक अस्पतालों के जूनियर डाक्टर शनिवार को हड़ताल पर रहेंगे। वह ओपीडी और रूटीन में होने वाले आपरेशन नहीं करेंगे। अलबत्ता इमरजेंसी में जरूर अपनी सेवाएं देंगे। जूनियर डाक्टर एसोसिएशन के प्रधान डा. अमित दीवान ने कहा कि आए दिन डाक्टरों पर हो रहे हमले निंदनीय है। पश्चिम बंगाल में ही नहीं बल्कि पूरे देश में डाक्टरों पर हमले होते हैं। जम्मू कश्मीर में भी इसी तरह हमले होते हैं। उन्होंने कहा कि हम वषों से डाक्टरों को सुरक्षा मुहैया करवाने और डाक्टरों पर होने वाले हमलों को गैर जमानती बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे डाकटर अपना काम आसानी के साथ करेंगे। लेकिन अभी तक उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इन्हीं मांगों को लेकर व पश्चिम बंगाल के डाक्टरों के समर्थन में शनिवार को कोई भह जूनियर डाक्टर ओपीडी में नहीं बैठेगा। वहीं जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के नोटिस के बाद अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वरिष्ठ डाक्टर ओपीडी में बैठेंगे या नहीं। जीएमसी की प्रिंसिपल डा. सुनंदर रैना वरिष्ठ डाक्टरों के साथ शाम तक बैठकें करती रहीं।
कुछ इस अंदाज में दिया बंगाल के हड़ताली डाक्टरों को समर्थन
पश्चिम बंगाल में जूनियर डाक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद मेडिकल एसोसिएशन द्वारा शुरू की गई हड़ताल का असर देश के दूसरे हिस्सों की तरह आज जम्मू में भी दिखा। दूसरे राज्यों की तरह यहां के डाक्टरों ने कामकाज को ठप किए बिना अनोखे अंदाज में हड़ताली पश्चित बंगाल के डाक्टरों का समर्थन किया। इससे उन्होंने राज्य व केंद्र सरकार के समक्ष अपनी बात भी पहुंचा दी आैर उनके इस विरोध प्रदर्शन के दौरान मरीजों को परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़ा।
इमरजेंसी, आपरेशन थियेटर व आेपीडी में बैठे ये डाक्टर मरीज ही लग रहे थे। दरअसल उन्होंने अपने हाथों व सिर पर उसी तरह पट्टियां बांध रखी थी जैसे कि वे चोट लगने पर मरीजों को बांधते हैं। यह इस बात का सूचक था कि आए दिन तिमारदारों व मरीजों द्वारा उनके साथ मारपीट की जाती है आैर उनकी इस अहम समस्या को हर बार नजरंदाज किया जा रहा है।
राजकीय मेडिकल कालेज व उससे संबंधित अन्य अस्पताल सीडी अस्पताल बख्शी नगर, सरवाल अस्पताल, गांधी नगर अस्पताल सहित आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कालेज सिद्धड़ा में डाक्टरों ने सिर व हाथ पर पटि्टयां बांध व कालेज बेच लगाकर काम किया। डाक्टर्स एसोसिएशन जम्मू के प्रधान डॉ सत्यदेव गुप्ता ने कहा कि मारपीट की यह घटना केवल पश्चिम बंगाल में ही नहीं हुई है। आए दिन तिमारदार या फिर मरीज डाक्टरों से उलझ पड़ते हैं। बात हाथापाई व मारपीट तक पहुंच जाती है। जम्मू में भी इस तरह के मामले कई बार पेश आ चुके हैं। विरोध में डाक्टरों को हड़ताल पर जाना पड़ता है। इसका स्थायी समाधान होना चाहिए।
प्रशासन को चाहिए कि डाक्टरों के साथ हाथापाई को गैर जमानती अपराध बनाया जाए ताकि कोई भी तिमारदार या मरीज डाक्टरों के साथ हाथापाई न करें। उन्होंने कहा कि जम्मू के डाक्टर पश्चिम बंगाल डाक्टर्स एसोसिएशन का समर्थन करते हैं। एसोसिएशन के सदस्य उनके समर्थन में विरोध रैली निकालने पर भी विचार कर रही है ताकि राज्य व केंद्र सरकार पर इस तरह का कानून बनाने का दबाव बनाया जा सके।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप