2002 Rajiv Nagar massacre: पाकिस्तानी आंतकी सबूतों के अभाव में बरी, वारदात में 29 लोगों की गई थी जान, 30 हुए थे घायल
वारदात में 29 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। कोर्ट में मामले अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए 79 गवाहों को पेश करने का दावा किया लेकिन केवल 13 गवाह ही पेश किए।
जम्मू, जेएनएफ। शहर के बाहरी क्षेत्र राजीव नगर (रैका के जंगल) में वर्ष 2002 में हुई आतंकी वारदात में शामिल पाकिस्तानी नागरिक को प्रधान सत्र सांबा ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को पाकिस्तानी नागरिक को उसके देश वापिस भेजने की कार्रवाई करने को भी कहा है।
आदेश में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की कार्य प्रणाली पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाए है। इस आतंकी वारदात में 29 लोगों (अधिकतर प्रवासी श्रमिक थे) को जान से हाथ धोना पड़ा था जबकि 30 लोग घायल हो गए थे। मुठभेड़ में एक आतंकी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था और दूसरे आतंकी मोहम्मद अब्दुल्ला उर्फ अब्तल निवासी चक्क नंबर दो, कस्बा मदिल, मुल्तान, पाकिस्तान को जीवित पकड़ लिया था। इसी आतंकी वारदात में सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह शहीद हो गए थे।
पुलिस द्वारा कोर्ट में दायर मामले में बताया गया कि 13 जुलाई 2002 को शाम सात बजे बाहू फोर्ट पुलिस को सूचना मिली कि कुछ आतंकी राजीव नगर में प्रवासी श्रमिकों की झुग्गियों में घुस कर वहां अंधाधुंध गोलीबारी और हथगोले फेंक रहे है। इस वारदात में 29 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। कोर्ट में मामले अभियोजन पक्ष ने आरोप साबित करने के लिए 79 गवाहों को पेश करने का दावा किया, लेकिन कोर्ट में केवल 13 गवाह पेश किया।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि पाकिस्तान आतंकी ने अपना जुर्म कबूल लिया है, लेकिन कोर्ट के समक्ष पाकिस्तानी नागरिक ने इस वारदात को अंजाम देने से इंकार कर दिया। दोनों पक्षों की वकीलों को सुनने के बाद प्रधान सत्र जज एमके शर्मा ने अभियोजन पक्ष द्वारा आरोप साबित ना कर पाने की बात कहीं और सबूतों एवं गवाहों के अभाव पाकिस्तानी नागरिक को बरी कर दिया।