Jammu Lockdown Effect: न बैंड बाजा न बराती, मास्क पहन की शादी
एक अनोखी शादी सोमवार को मीरां साहिब के कृष्णा नगर गांव के रहने वाले अश्वनी भाटिया के बेटे प्रदीप भाटिया की भी हुई। यहां लड़की वाले लड़के के घर आए और दोनों ने गुरूद्वारे में शादी की
जागरण संवाददाता, जम्मू : हर पिता को अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करने की इच्छा होती है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस के चलते कोई रिश्तेदार घर नहीं आ-जा सकता। ऐसी ही एक शादी शहर के नानक नगर में हुई। मंयक और पलकिन की शादी 27 अप्रैल को पहले से तय थी। प्रशासन ने बरात में सिर्फ पांच लोगों को ही जाने की अनुमति दी।
दुल्हा मयंक, उसके माता-पिता, एक पंडित व फोटोग्राफर समेत कुल पांच लोगों की बरात मोती बाजार से नानक नगर पहुंची। वहां पर दुल्हन पक्ष के घर में ही शादी के रस्म पूरी करके दुल्हन पलकिन को विदा करके लेकर आए। दुल्हन को लाने के बाद जरूरी रस्मों को पूरी कर ली गई हैं। दोनों दुल्हा-दुल्हन खुश हैं।
उनका कहना है कि वर्तमान हालत के चलते शादी में अपने दोस्त और परिवार के लोगों को नहीं ले जा पाए। आगे किसी आयोजन में उनको आमंत्रित कर अपने मन की इच्छा पूरी करेंगे। अभी तो लॉकडाउन में सभी को अपने घर में ही रहना चाहिए। दुल्हे मयंक का कहना है कि पहले उनको आशंका थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुल जाएगा, लेकिन दोबारा अवधि बढ़ गई। दोनों पक्ष की तैयारियां पूरी हो गई थीं। ऐसे में शादी को पीछे हटना संभव नहीं था, जिसके चलते जिला प्रशासन से अनुमति लेकर सादगी से शादी संपन्न हो गई।
शादी के लिए दूल्हे के गांव पहुंची दुल्हन
जैंबल सिंह, मीरां साहिब। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सरकार की तरफ से घोषित लॉकडाउन में कई लोगों की शादियां स्थगित हो गई हैं। इस बीच कुछ लोगों की शादी हुई भी तो उसमें चार-पांच लोग ही बराती थे। ऐसी ही एक अनोखी शादी सोमवार को मीरां साहिब के कृष्णा नगर गांव के रहने वाले अश्वनी भाटिया के बेटे प्रदीप भाटिया की भी हुई। इस शादी की खासियत यह रही कि लड़के वाले लड़की के घर बरात लेकर नहीं गए, बल्कि लड़की वाले उसे लेकर लड़के के गांव में आए और वहीं गुरुद्वारे में दोनों की शादी हुई। सादे ढंग से शादी के लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी। इस शादी में महज पांच बराती आए थे।
प्रदीप भाटिया की शादी 27 अप्रैल को तय हुई थी। लॉकडाउन के चलते शादी समारोह में ज्यादा लोग नहीं आ सकते थे। ऐसे में सादे ढंग से शादी करने पर वर-वधु पक्ष सहमत हो गए। सोमवार को वधु पक्ष के लोग दुल्हन को लेकर प्रदीप के गांव कृष्णानगर आए, जहां उनको लड़के वालों ने अपने पड़ोसी के यहां ठहराया।