Move to Jagran APP

बुधवार से काम पर लौटेंगे वकील, कोर्ट के निकट जेडीए कांपलेक्स में बनेगा एसडीएम कार्यालय

भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए नियुक्त एसडीएम कार्यालय कोर्ट परिसर के निकट जेडीए कांपलेक्स में ही बनाया जाएगा ताकि वकीलों को किसी तरह की परेशानी न हो।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 06:15 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:15 PM (IST)
बुधवार से काम पर लौटेंगे वकील, कोर्ट के निकट जेडीए कांपलेक्स में बनेगा एसडीएम कार्यालय
बुधवार से काम पर लौटेंगे वकील, कोर्ट के निकट जेडीए कांपलेक्स में बनेगा एसडीएम कार्यालय

जम्मू, जेएनएन। जेएंडके हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने हड़ताल को वापिस लेने की घोषणा करते हुए बुधवार से सभी वकीलों के काम पर लौटने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांग पर अपनी रजामंदी जाते हुए इस बात का विश्वास दिलाया है कि भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए नियुक्त एसडीएम का कार्यालय कोर्ट परिसर के निकट जेडीए कांपलेक्स में ही बनाया जाएगा। यही नहीं भूमि रजिस्ट्रेशन से संबंधी सभी दस्तावेज भी वकीलों द्वारा तैयार किए जाएंगे, जैसे की पहले हुआ करता था।

prime article banner

प्रशासन के इस आश्वासन के बाद आज शुक्रवार को बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट अभिनव शर्मा की अध्यक्षता में सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली बैठक में हड़ताल को वापिस लेने का निर्णय लिया गया। बैठक के बाद शर्मा ने पत्रकारों को जानकारी दी कि भूमि रजिस्ट्रेशन और कोर्ट परिसर को शिफ्ट करने के मुद्दे पर एक नवंबर से जारी उनकी हड़ताल मंगलवा से समाप्त कर दी जाएगी।

बुधवार से जम्मू संभाग के सभी वकील कोर्ट में अपना काम नियमित तौर पर करेंगे। उन्होंने कहा कि गत दिनों उपराज्यपाल जीसी मुर्मु के सलाहकार केके शर्मा के साथ हुई उनकी बैठक में इस बात का विश्वास दिलाया गया कि भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए नियुक्त एसडीएम कार्यालय कोर्ट परिसर के निकट जेडीए कांपलेक्स में ही बनाया जाएगा ताकि वकीलों को किसी तरह की परेशानी न हो। यही नहीं भूमि रजिस्ट्रेशन से संबंधी कागजी कार्रवाई पहले की तरह वकीलों द्वारा ही चलाई जाएगी।

वकीलों की दूसरी अहम मांग जोकि कोर्ट परिसर को शिफ्ट करने की थी, पर चीफ जस्टिस ने पहले ही एसोसिएशन सदस्यों को यह स्पष्ट किया था कि अभी तक इसको लेकर कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं आया है। न ही ऐसा कोई आदेश जारी हुआ है। वैसे ही वकीलों पर इस समय हड़ताल खत्म करने का दोहरा दबाव था। एक तरफ बेंच ने वकीलों की जारी हड़ताल को गैर कानूनी करार दे दिया है। यही नहीं कोर्ट गेट बंद करने वाले वकीलों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है। ऐसी परिस्थितियों में अगर वकील हड़ताल जारी रखने का फैसला लेते तो आने वाले दिनों में उन्हें कोर्ट अवमानना की कार्रवाई का भी सामना करना पड़ता। इससे सरकार के साथ बातचीत के रास्ते भी बंद हो जाते।

करीब पांच घंटे तक चली जनरल हाउस की बैठक में इन सभी पहलुओं पर गहनता से विचार किया गया और सभी सदस्यों ने सर्वसम्मित से यह निर्णय लिया कि वे मंगलवार को हड़ताल समाप्त कर देंगे जबकि उसके अगले दिन बुधवार से कोर्ट में अपना कामकाज संभालेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.