जम्मू कश्मीर को बहुत जल्द मिलेगा नया राज्यपाल
जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत जल्द नए राज्यपाल की नियुक्ति हो सकती है। नए नामों पर मंथन तेज हो गया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के लिए नए राज्यपाल की नियुक्ति के लिए मंथन लगभग समाप्त हो चुका है और एक दो दिनों में ही नए राज्यपाल की घोषणा हो सकती है। माना जा रहा है कि कमान किसी ऐसे नौकरशाह या फिर राजनीतिक व्यक्ति के हाथ होगी जो आंतरिक अशांति पर लगाम लगाने के साथ साथ राजनीतिक हल ढूढने में भी सफल हो।
फिलहाल इस दौड़ में प्रशाशक के साथ साथ एक दो उन नामों पर भी चर्चा हो रही है जो वर्तमान में किसी दूसरे राज्य के राज्यपाल हैं। यह पहले से तय था कि अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद प्रदेश में नया राज्यपाल भेजा जाएगा। शिद्दत से एक ऐसे राज्यपाल की जरूरत महसूस की जा रही है जो नई सोच के साथ राज्य के हर पहलू को देख सके और संभाल सके। यही कारण है कि लंबे अरसे बाद किसी राजनीतिज्ञ को वहां भेजने पर गंभीरता से विचार हुआ। दरअसल जिस स्थिति में वहां सरकार भंग हुई है और जिस तरह राजनीतिक दल नए चुनाव की बात कर रहे है उसमें भरोसा जगाने का काम कोई राजनीतिज्ञ बेहतर कर सकता है।
वैसे भी 1984 के बाद से वहां किसी राजनीतिज्ञ को राज्यपाल नहीं बनाया गया है। कमान या तो प्रशासक के हाथ रही या फिर किसी फौजी अफसर के हाथ। लेकिन हालात में स्थायी बदलाव नहीं आया। सूत्रों की मानी जाए तो इससे इनकार करना भी मुश्किल है कि प्रदेश में जल्द को हल नहीं निकलता है तो लोकसभा के साथ ही वहां भी चुनाव करा लिए जाएं। ऐसे में कश्मीर को समझने वाला कोई राजनीतिज्ञ विश्वास बहाली में ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। पर एक उलझन है।
राजनीतिज्ञ को कमान देने का अर्थ होगा कि सीधे तौर पर भाजपा का नुमाइंदा माना जाएगा। वह सफल होता है तो ठीक वरना ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ा जाएगा। ऐसे में प्रशासक भूमिका में आते है। वार्ताकार के रूप में भी सरकार ने एक प्रशासक को ही नियुक्त किया था। वैसे भी कश्मीर की स्थिति पर सख्ती से लगाम लगाने में राजनीतिज्ञ की बजाय प्रशासक ज्यादा कारगर हो सकते हैं। कोई भी फैसला अगले एक दो दिनों में हो सकता है।