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Jammu Kashmir Union Territory: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से रफ्तार भरेगा जम्मू कश्मीर

ढांचा बनाने की प्रक्रिया हर हाल में जून से पहले पूरी कर ली जाएगी। यह पहली बार है जब प्री फेब्रीकेटेड ढांचा खड़ा किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 01:22 PM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 01:22 PM (IST)
Jammu Kashmir Union Territory: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से रफ्तार भरेगा जम्मू कश्मीर
Jammu Kashmir Union Territory: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से रफ्तार भरेगा जम्मू कश्मीर

जम्मू, सतनाम सिंह। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र शासित जम्मू कश्मीर अब तेजी से कुलांचें भरेगा। चालू शैक्षणिक सत्र में खोले गए नए कॉलेजों को उनकी स्थायी इमारतें जल्द मुहैया कराई जाएंगी। इन नए कॉलेजों को फेब्रीकेटेड ढांचा मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए राज्य प्रशासन ने 11 करोड़ रुपये मंजूर भी कर दिए हैं। यही नहीं, नेशनल एक्रीडेशन एंड असेसमेंट काउंसिल (नैक) से अधिक से अधिक कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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राज्य में जिन कॉलेजों को अकादमिक सत्र 2019-20 में खोला गया था, वे फिलहाल अन्य डिग्री कॉलेजों, हायर सेकेंडरी स्कूलों या किराए की इमारतों में चल रहे हैं। अब इन कॉलेजों की इमारत बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। कई कॉलेजों के लिए जमीन का अधिग्रहण भी हो चुका है। उप राज्यपाल प्रशासन ने नए कॉलेजों में प्री-फेब्रीकेटेड ढांचा खड़ा करने के लिए धनराशि मंजूर कर दी है। करीब 11 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इसमें पचास प्रतिशत धनराशि मिल भी गई है।

ढांचा बनाने की प्रक्रिया हर हाल में जून से पहले पूरी कर ली जाएगी। यह पहली बार है जब प्री फेब्रीकेटेड ढांचा खड़ा किया जा रहा है। किराये की इमारतों में पढ़ाई होने से विद्यार्थियों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। उदाहरण के तौर पर कुंजवानी डिग्री कॉलेज को मौलाना आजाद मेमोरियल कॉलेज में चलाया जा रहा है। यहां कुंजवानी डिग्री कॉलेज के लिए करीब आठ सौ विद्यार्थी हैं। अगले सत्र में इतनी ही संख्या और बढ़ जाएगा।

राज्य में 112 से अधिक हैं डिग्री कॉलेज : जम्मू कश्मीर में डिग्री कॉलेजों की संख्या 112 से अधिक पहुंच चुकी है लेकिन नेशनल एक्रीडेशन एंड असेसमेंट काउंसिल (नैक) से मान्यता प्राप्त कालेजों की संख्या 42 है। चार कॉलेजों ने नैक से मान्यता हासिल करने के लिए तैयारी शुरू की है। शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए नैक से मान्यता हासिल करने के लिए सभी कॉलेजों से कहा गया है। उन कॉलेजों को परेशानी पेश आ रही है जो पिछले एक दशक के दौरान खुले है। इन कॉलेजों में बुनियादी ढांचा उपलब्ध न होने से नैक की मान्यता हासिल करना चुनौती बन गया है।

कॉलेजों लिए मंजूर राशि

कॉलेज                             धनराशि मंजूर

कुंजवानी डिग्री कॉलेज         2.6 करोड

सिद्धड़ा डिग्री कॉलेज            2.4 करोड़

भगवती नगर डिग्री कॉलेज     01 करोड़

नगरोटा डिग्री कॉलेज           40 लाख

रामकोट डिग्री कॉलेज           40 लाख

मढ़ीन कठुआ डिग्री कॉलेज     40 लाख

विजयपुर डिग्री कॉलेज          40 लाख

रामगढ़ डिग्री कॉलेज            40 लाख

घगवाल डिग्री कॉलेज           40 लाख

ककरयाल डिग्री कॉलेज        80 लाख

राजौरी डिग्री कॉलेज            40 लाख

जम्मू के नए कॉलेजों में अगले सत्र से साइंस विषय: जम्मू के नए कॉलेजों में अगले सत्र से साइंस विषय भी शुरू कर दिए जाएंगे। जम्मू के नोडल प्रिंसिपल प्रो. रविंद्र टिक्कू ने कहा कि नए कॉलेजों के लिए जगह की पहचान हो चुकी है। स्थायी इमारतों से पहले प्री फेब्रीकेटेड ढांचा बनाया जाएगा। इसके साथ ही स्थायी इमारतें भी बननी शुरू हो जाएंगी।

भर्ती के लिए बनेगी नीति: उपराज्यपाल ने उच्च शिक्षा में टीचिंग व नान टीचिंग कर्मियों की कमी पूरा करने के लिए विभाग को एक व्यापक भर्ती नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। अब अध्यापकों की वरिष्ठता और भर्ती प्रक्रिया के मुद्दों का समाधान होगा। नए कॉलेजों में स्टाफ को पूरा करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। कॉलेजों में अकादमिक प्रबंधन पर एक हजार से अधिक अध्यापक तैनात है। प्रिंसिपलों की कमी है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग में नए कॉलेजों में हर तरह की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उप राज्यपाल प्रशासन सक्रिय है। भर्ती के लिए व्यापक नीति बनाने का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा।

शिक्षा प्रणाली में कुशल बदलाव को पहल करें शिक्षण संस्थान: विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के प्रतिनिधियों को शिक्षा प्रणाली में डिजीटल और कुशल परिवर्तन के कार्यान्वयन के लिए पहल करनी होगी। डिजीटल एक ऐसी पहल है जो शिक्षा कौशल को उन्मुखी बनाएगी, साथ ही छात्रों में सीखने की रूचि भी बढ़ेगी। यह बात उच्च शिक्षा विभाग के सचिव तलत परवेज रोहेल्ला ने कही। वह राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत पारंपरिक शिक्षा के बदलाव, उद्योग सहयोग और डिजिटल पहल पर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के कार्यक्रम में बोल रहे थे।


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