जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने पुलिस की अपराध शाखा को चार विंग में बांटा
इनमें एसपी और डीएसपी रैंक का एक-एक इंस्पेक्टर रैंक के 10 इंस्पेक्टर (एम) का एक सब इंस्पेक्टर रैंक के 60 हेड कांस्टेबल के 10और सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल के दो पद शामिल हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने पुलिस संगठन को बदलते परिवेश और भविष्य की जरूरतों के अनुरुप बनाने लिए अपराध शाखा को चार विंगों में पुर्नगठित करने का फैसला किया है। वित्तीय मामलों की जांच के लिए अलग विंग होगा। नशीले पदार्थो की तस्करी और साइबर अपराध की जांच के लिए के लिए भी अलग-अलग विंग होंगी।
गृह विभाग के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बदले परिवेश के मुताबिक क्राइम ब्रांच के संगठनात्मक ढांचे मे बदलाव के साथ ही उसे चार विंग में पुनर्गठित करने का फैसला लिया गया है। इनमें एक विंग आíथक अपराध से जुड़े मामलों का है। इसे ईओडब्लयू नाम दिया गया है। दूसरा विंग विशेष अपराध (एससीडब्लयू) है। तीसरा विंग साइबर क्राइम इनवेस्टिगेशन सेंटर फार एक्सलेंस (सीआइसीई) अथवा है। चौथा विंग एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का है। इन चारों विंग की श्रीनगर व जम्मू में दो अलग-अलग मंडलस्तरीय यूनिट होंगे।
प्रत्येक यूनिट का नेतृत्व एसपी रैंक के अधिकारी के पास होगा। यह सभी विंग अपराध शाखा मुख्यालय की कमान मे काम करेंग। मुख्यालय के अधीन खुफिया सूचना तंत्र,प्रशिक्षण संबधी सभी नीतिगत मामलों की जिम्मेदारी रहेगी। इन चार विंगों के कामकाज में दिक्कत न हो इसक लिए एंटी हाईजैकिंग विंग से पुलिस अधिकारियिों व जवानों के 85 पद अपराध शाखा को स्थानांतरित किए जाते हैं।
इनमें एसपी और डीएसपी रैंक का एक-एक, इंस्पेक्टर रैंक के 10, इंस्पेक्टर (एम) का एक, सब इंस्पेक्टर रैंक के 60, हेड कांस्टेबल के 10और सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल के दो पद शामिल हैं। इनके अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस राजपत्रित सेवा से डीएसपी एक्जीक्यूटिव रैंक के 10 पद भी अपराध शाखा को स्थानांतरित किए जाते हैं।