Investment in JK: जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य क्षेत्र में 3325 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव, यह बड़े समूह निवेश को हैं तैयार
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अटल ढुल्लू ने कहा कि हमने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए। अब इस क्षेत्र में लगातार प्रस्ताव आ रहे हैं। इस वर्ष अक्टूबर महीने ममें इन प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए कमेटी गठित की गई थी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य ढांचे को चुस्त-दुरस्त करने के लिए निवेश की प्रक्रिया कोरोनाकाल में भी सुचारु है। देश के चार बड़े समूहों ने जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में 3,325 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई है। इसके लिए उन्होंने सरकार को प्रस्ताव भी भेजे हैं। सरकार इन प्रस्तावों पर गंभीरता से चर्चा कर रही है। अगर इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलती है तो जम्मू कश्मीर में पहली बार चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना भी होगी। रविवार को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अटल ढुल्लू ने इसकी जानकारी दी।
ढुल्लू ने कहा कि हमने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई कदम उठाए। अब इस क्षेत्र में लगातार प्रस्ताव आ रहे हैं। 3225-3325 करोड़ के बीच निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। अक्टूबर में इन प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए कमेटी गठित की गई थी। सभी प्रस्ताव स्वास्थ्य देखभाल निवेशक योजना के तहत आए हैं। इन निवेशों में विङ्क्षरची हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने 500 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाने का प्रस्ताव दिया है। यह अस्पताल 200 करोड़ से बनेगा।
एचपी कैपिटल लिमिटेड ने 2200 करोड़ से हाई टेक चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव दिया है। यही नहीं इसमें 350 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल, 700 बिस्तरों के हॉस्टल, एक कश्मीर और एक जम्मू में शामिल हैं। इसमें उन्होंने छह हजार लोगों को रोजगार देने का भी प्रस्ताव दिया है। अपोलो अस्पताल इंटरप्राइजेज लिमिटेड ने जम्मू में 200-250 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसमें करीब ढाई सौ करोड़ का निवेश होगा और 1200 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। अरिशा रॉयल अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड ने 500 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल बनाने का प्रस्ताव दिया है। इस पर 425 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें एक हजार लोगों को रोजगार देने की बात है। सरकार इन सभी प्रस्तावों पर विचार कर रही है।
निवेश के लिए भूमि भी हो रही चिन्हित
ढुल्लू ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के डिवीजनल कमिश्नर इन निवेशकों के लिए सरकारी भूमि चिन्हित कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्ष में जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत अधिक प्रगति की है। अभी हाल ही में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में भी यह बात सामने आई है। यहां अभी भी मरीज सरकारी अस्पतालों पर ही निर्भर हैं। हमारा मकसद जम्मू कश्मीर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। जम्मू कश्मीर प्रशासनिक परिषद ने नौ मार्च 2019 को स्टेट हेल्थ केयर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी को मंजूरी दी थी।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर देश का एक ऐसा राज्य है, जहां पर किसी भी बड़े अस्पताल की चेन नहीं है। यहां पर बत्रा अस्पताल को छोड़ दें तो 97 फीसद सुविधाएं सरकारी अस्पताल ही मुहैया करवाते हैं। हम अब देश विदेश से निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। कोविड-19 के कारण हालांकि इसमें बड़ा धक्का लगा, लेकिन हमने फिर से यह प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान बड़े अस्पताल ही नहीं, बल्कि जिला स्तर पर छोटे अस्पताल बनाना भी है। यहां पर हम हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं। इस पॉॅलिसी में मल्टी स्पेशलिटी और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाने के लिए मूल निवेश पर तीस फीसद की छूट देना है।
ये समूह निवेश को तत्पर
- विरिंची हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड - 200 करोड़ से 500 बेड की क्षमता का अस्पताल बनेगा।
- एचपी कैपिटल लिमिटेड - 2200 करोड़ से चिकित्सा विश्वविद्यालय और 350 बिस्तरों के जम्मू व श्रीनगर में अस्पताल और हॉस्टल खोलने को उत्सुक
- अपोलो अस्पताल इंटरप्राइजेज - 250 करोड़ से 250 बिस्तर का अस्पताल खोलने को है तैयार
- अरिशा रॉयल अस्पताल - 425 करोड़ से 500 बिस्तर खोलने की पेशकश