मेयर-डिप्टी मेयर के लिए होगा गुप्त मतदान, जोड़-तोड़ की संभावनाएं बढ़ी
दो नगर निगमों, पांच नगर परिषदों और 70 से अधिक कमेटियों के घोषित परिणामों में बहुत से जगह पर किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ है।
जेएनएन, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनावों में निर्वाचित हुए सदस्यों में से अब मेयर, डिप्टी मेयर, चेयरमैन-वाइस चेयरमैन, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाने के लिए गुप्त मतदान होगा। इससे राज्य में राजनीतिक दलों के जोड़-तोड़ करने की संभावनाएं और बढ़ गई हैं। राज्यपाल प्रशासन ने एक दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर म्यूनिसिपल लॉ (संशोधन) बिल 2018 को मंजूरी दे दी है। राज्य में स्थानीय निकास चुनाव चार चरणों में संपन्न हुए थे। इसके परिणाम बीस अक्टूबर को घोषित हुए थे। दो नगर निगमों, पांच नगर परिषदों और 70 से अधिक कमेटियों के घोषित परिणामों में बहुत से जगह पर किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत हासिल नहीं हुआ है। इस बार के चुनावों में बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी होकर सामने आए हैं।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी कमेटियां गठित करने के लिए निर्दलीयों को अपने पाले में लाने के लिए इन दिनों प्रयास कर रही हैं। कई निर्दलीय ऐसे हैं जोकि कांग्रेस और भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर गुप्त मतदान न होता तो इनके लिए फिर से इन दलों का समर्थन करना मुश्किल था। अब गुप्त मतदान से कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही यह उम्मीद बंध गई है कि उनके भागी उम्मीदवार वापिस उन्हें ही समर्थन करेंगे। कांग्रेस और भाजपा दोनों के शीर्ष नेता निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क करने में जुट गए हैं। अभी तक हालांकि मेयर और डिप्टी मेयर तथा नगर परिषदों और कमेटियों के चेयरमैन व प्रधान बनाने की अधिसूचना जारी नहीं हुई है। अधिसूचना जारी होते ही जोड़-तोड़ की संभावना और बढ़ेगी।
ऐसे ही हालात कश्मीर संभाग में भी हैं। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार करने से पचास प्रतिशत से अधिक उम्मीदवार निर्दलीय चुनकर आए हैं। बहुत कम कमेटियां ऐसी हैं जहां पर कांग्रेस या फिर भाजपा को बहुमत मिला है। कश्मीर में गुप्त मतदान होने से जोड़-तोड़ संभावना सबसे अधिक है। श्रीनगर नगर निगम में ही 74 में से 53 कारपोरेटर निर्दलीय चुने गए हैं। कांग्रेस को मात्र 16 और भाजपा को 4 ही सीटें मिली हैं। बावजूद इसके दोनों दल श्रीनगर नगर निगम पर अपना मेयर बनाने के लिए निर्दलीय कारपोरेटरों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कई अप्रत्याशित नतीजे भी सामने आ सकते हैं। अब सभी की नजरें अधिसूचना पर टिकी हुई हैं।