जम्मू कश्मीर सरकार अपने वीरों के बलिदान होने पर देगी 25 लाख, प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया फैसला
प्रदेश के बलिदानियों के परिजनों को देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले जम्मू कश्मीर में कम मुआवजा मिलने का मुद्दा कई वर्षों से उठता आ रहा है। इस मुद्दे को लेकर कई बार पूर्व सैनिकों के संगठनों ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बातचीत की थी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : सशस्त्र सेनाओं में भर्ती होकर देश के लिए बलिदान देने वाले जम्मू कश्मीर के जांबाजों के स्वजन को अब उपराज्यपाल प्रशासन पांच लाख के बजाए 25 लाख रुपये मुआवजा देगा। यह अहम फैसला श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में लिया गया। जम्मू कश्मीर सरकार ने फरवरी में तय कर लिया था कि बलिदानियों के स्वजन को मिलने वाले मुआवजे में पांच गुणा वृद्धि की जाएगी। इस फैसले को एक फरवरी से प्रभावी माना जाएगा।
प्रशासनिक परिषद से स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर के सैनिक चाहे प्रदेश में ड्यूटी का निर्वाह करते हुए बलिदान हुए हों, या देश के किसी अन्य हिस्से में। अब जम्मू कश्मीर सरकार उन्हें मुआवजा देगी। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्यसचिव डा. अरुण कुमार मेहता व उपराज्यपाल के सलाहकार नितेश्वर कुमार भी मौजूद थे।
प्रदेश सरकार के इस फैसले से जम्मू कश्मीर व देश के अन्य हिस्सों में बलिदानियों के स्वजन को मिलने वाली वित्तीय सहायता में भेदभाव समाप्त हो गया है। इस समय जम्मू कश्मीर व देश के विभिन्न हिस्सों में जान हथेली पर लेकर आतंक से लड़ने के साथ सरहदों की रक्षा कर रहे हैं। प्रदेश के हजारों युवा भर्ती मैदान में दम दिखकर सैनिक बनने के लिए तत्पर रहते हैं।
प्रदेश के बलिदानियों के परिजनों को देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले जम्मू कश्मीर में कम मुआवजा मिलने का मुद्दा कई वर्षों से उठता आ रहा है। इस मुद्दे को लेकर कई बार पूर्व सैनिकों के संगठनों ने भी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बातचीत की थी।
इसे गंभीरता से लेते हुए उपराज्यपाल ने इस साल फरवरी में घोषणा की थी कि सरकार ने बलिदानियों के परिजनों के मुआवजे को पांच लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की तैयारी कर ली है। उपराज्यपाल प्रशासन ने पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण व वीरता पदकों से सम्मानित वीरों का हौसला बढ़ाने की दिशा में कई अहम फैसले किए हैं।