Kargil Vijay Diwas: जम्मू-कश्मीर के कारगिल में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने युद्ध स्मारक पर नायकों को दी श्रद्धांजलि
Kargil Vijay Diwas राजनाथ सिंह कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शनिवार कारगिल का दौरा करेंगे। एक दिवसीय दौरे पर कारगिल शहीदों को नमन के साथ सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे।
जम्मू, एएनआई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 'कारगिल विजय दिवस' के अवसर पर शनिवार को कारगिल के दौरेे पर हैं। एक दिवसीय दौरे पर पहुुुंचेंं रक्षामंत्री कारगिल शहीदों को नमन करने के साथ जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात का जायजा भी लेंगे। राजनाथ सिंह बतौर रक्षामंत्री शनिवार को अपने दूसरे जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। इस मौके पर रक्षामंत्री कारगिल में भारत के सैन्य अभियान ‘‘आपरेशन विजय’’ की 20 वीं वर्षगांठ पर द्रास में करगिल युद्ध स्मारक में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर सेना और प्रशासन के आला अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में विजय मशाल प्रज्जवलित कर इसे जम्मू-कश्मीर में करगिल युद्ध स्मारक के लिए रवाना किया था। राजनाथ सिंह ने इंडिया गेट पर स्थित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचकर अनंत ज्योति से विजय मशाल को प्रज्जवलित कर उसे रवाना किया था। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। विजय मशाल राजपथ से होते हुए पहले राष्ट्रपति भवन के प्रांगण तक जाती है और फिर वहां से उसे 11 शहरों और कस्बों से होते हुए 26 जुलाई को द्रास ले जाया जाता है। जिसके बाद 27 जुलाई को देशभर में कई बड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे।
जानकारी के अनुसार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कारगिल विजय दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर राज्य में कारगिल के दौरे पर हैं। राजनाथ सिंह सबसे पहले कारगिल वॉर मेमोरियल पहुंचे और यहां विजिटर बुक पर हस्ताक्षर किये ।
जानकारी हो कि रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद राजनाथ सिंह की यह पहली जम्मू यात्रा है। इससे पहले तीन जून को वह कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र गए थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज कारगिल के द्रास आ रहे हैं। कारगिल विजय के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में इस समय देशभर में कार्यक्रमों का सिलसिला जारी है। ऐसे में गत दिनों रक्षामंत्री ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विजय मशाल को कारगिल के लिए रवाना किया था। कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय मुख्य कार्यक्रम द्रास में 24 जुलाई से शुरू हो रहा है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह कठुआ जिले के उझ और सांबा जिले के बसंतर में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित दो पुल भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। उझ एक किलोमीटर लंबा पुल है जबकि बसंतर पुल की लंबाई 617.4 मीटर है। जानकारी केे अनुुुुसार राजनाथ सिंह शनिवार को नयी दिल्ली से श्रीनगर पहुंचेंगे। सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत उनके साथ होंगे। कश्मीर ,जम्मू और लद्दाख तीनों क्षेत्रों की यात्रा करेंगे और घाटी में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तथा लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा भीतरी इलाकों में चलने वाले अभियानों का भी जायजा लेंगे। इसके बाद राजनाथ सिंह जम्मू जाएंगे और वहां से दिल्ली के लिए रवाना होंगे
कारगिल युद्ध की खास बातें
जानकारी हो कि कारगिल युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर 3 जुलाई से 26 जुलाई के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में भारत के 522 जवान शहीद हुए थे। इनमें 26 अफसर, 23 जेसीओ और 473 जवान शामिल थे। घायल सैनिकों की तादाद 1363 थी। युद्ध में पाकिस्तान के 453 सैनिक मारे गए थे।
कारगिल की ऊंची चोटियों पर पाकिस्तान के सैनिकों ने कब्जा जमा लिया था। यहां करीब 5 हजार पाकिस्तानी सैनिक मौजूद थे। पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय वायुसेना ने मिग-27 और मिग-29 का इस्तेमाल किया था।भारत की ओर से 2 लाख 50 हजार गोले दागे गए थे। 300 से ज्यादा मोर्टार, तोप और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला ऐसा युद्ध था, जिसमें दुश्मनों पर इतनी बमबारी की गई।