आतंकी फंडिंग में जेके बैंक शक के घेरे में Jammu News
घोटालों और भ्रष्टाचार के कारण विवादों में घिरे जम्मू कश्मीर बैंक की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) आतंकी फंडिंग मामले में बैंक की भूमिका की जांच कर सकती
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । घोटालों और भ्रष्टाचार के कारण विवादों में घिरे जम्मू कश्मीर बैंक की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) आतंकी फंडिंग मामले में बैंक की भूमिका की जांच कर सकती है। एनआइए अलगाववादी और आतंकी गतिविधियों के लिए वित्तीय आक्सीजन के स्रोतों का पता लगाकर उन्हें बंद करने में जुटी है।
सूत्रों की मानें तो एनआइए ने बैंक के कामकाज में कई तरह की विसंगतियों व अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए बैंक की आतंकी फंडिंग में भूमिका की आशंका जताई है। कश्मीर में आतंकी ङ्क्षहसा और अलगाववादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान समेत विभिन्न मुल्कों से हवाला के जरिए आने वाली धनराशि का पता लगाने के लिए वर्ष 2017 में एनआइए ने टेरर फंडिंग की जांच शुरू करते हुए मामला दर्ज किया था।
इस मामले मे जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक, दुख्तरान ए मिल्लत की अध्यक्षा आसिया अंद्राबी, कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ फंतोश, जेकेडीएफपी के चेयरमैन शब्बीर अहमद शाह, मुस्लीम लीग के अध्यक्ष मसर्रत आलम समेत एक दर्जन वरिष्ठ अलगाववादियों के अलावा कश्मीर के प्रमुख व्यापारी जहूर बटाली इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं।
कई अलगाववादियों के अवैध तरीके से खुले हैं खाते
अधिकारियों ने बताया कि एनआइए ने आतंकी फंडिंग मामले की जांच में जिन अलगाववादियों व अन्य लोगों को हिरासत में लिया है,उन सभी ने जेके बैंक में अपने खाते खुलवा रखे हैं, लेकिन बैंक ने इन खातों के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं लिए हैं। पूछताछ के दौरान आरोपितों से जब एनआइए ने उनके खातों में लेन देन की जांच शुरूकी तो पता चला अधिकांश खाते अवैध तरीके से खोले हैं। कई खाते तो फर्जी पाए गए। कई खातों में एनआइए ने पाया कि बैंक द्वारा केवाईसी की औपचारिकता को भी पूरा नहीं किया है। एनआइए ने गृहमंत्रालय को सूचित किया है कि बैंक ने बिना किसी जमानत के कई लोगों को कर्ज दिया है। सीएसआर के नाम पर लाखों रुपये बैंक ने बिना औपचारिकताओं को पूरा किए खर्च किएहैं। कई खातों में अज्ञात स्रोतों से लगातार पैसा जमा और निकलता रहा है। उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। एनआइए ने जब कुछ बैंक खातों में लेन-देन की जानकारी मांगी तो बैंक के पास उसका कोई डाटा अथवा रिकॉर्ड नहीं मिला है। बैंक द्वारा जारी कई क्रेडिट कार्ड को कैश कार्ड की तरह इस्तेमाल किया। उसका डिजिटल नहीं मैन्युल रिकॉर्ड रखा है। बैंक ने कभी भी फाइनांशियल इंटेलीजेंस यूनिट के साथ वाॢषक रिपोर्ट भी साझा नहीं की है।
अंग्रेजी अखबार के संपादक से पूछताछ
कश्मीर में टेरर फंडिंग व अलगाववादी गतिविधियों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कश्मीर से प्रकाशित होने वाले प्रमुख अंग्रेजी अखबार के संपादक से कथित तौर पर पूछताछ की है। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान की मौत के बाद कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित हिंसक प्रदर्शनों व सिलसिलेवार बंद के दौरान अखबार में प्रकाशित कुछ समाचारों व लेखों के बारे में पूछताछ की है। उनकी विदेश यात्राओं विशेषकर दुबई दौरों के बारे में पूछा है। उनसे पूर्व अखबार के महाप्रबंधक से भी एनआइए ने पूछताछ की है।