Move to Jagran APP

आयुष्मान भारत से मिल रही नई जिंदगी, गोल्डन कार्ड बनाने वालों में जम्मू-कश्मीर दूसरे नंबर पर

जम्मू जिले में एक लाख से अधिक लोगों के कार्ड बन चुके हैं। कश्मीर और लेह संभाग में भी गोल्डन कार्ड बनाने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 12:32 PM (IST)
आयुष्मान भारत से मिल रही नई जिंदगी, गोल्डन कार्ड बनाने वालों में जम्मू-कश्मीर दूसरे नंबर पर
आयुष्मान भारत से मिल रही नई जिंदगी, गोल्डन कार्ड बनाने वालों में जम्मू-कश्मीर दूसरे नंबर पर

जम्मू, रोहित जंडियाल। जम्मू संभाग के रामबन की रहने वाली 22 वर्षीय सलमा कई दिनों से बीमार थी। पिता की मौत हो गई थी और घर में सिर्फ मां ही थी। इलाज के लिए पैसे नहीं थे। डेढ़ महीने पहले उसे आयुष्मान भारत की घर में चिट्ठी मिली। रामबन जिला अस्पताल में जाकर उसने गोल्डन कार्ड बनाया। पिछल सप्ताह ही वह इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में आई। उसे पत्थरी थी। यहां पर उसका न सिर्फ इलाज हुआ बल्कि यहां पर डाक्टरों ने उसे ब्लड तक अस्पताल से दिया। दो दिन पहले ही उसे छुट्टी हुई। पूरा परिवार काफी खुश था कि उनका इलाज हो गया। श्रीनगर की रहने वाली चार वर्षीय सितारा अख्तर को निमोनिया था। उसकी हालत कफी गंभीर हो गई। उसे श्रीनगर के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसके पूरे इलाज के लिए 55 हजार रुपये लगे। उसके परिजनों का कहना था कि अगर उनका गोल्डन कार्ड नहीं बना होता तो शायद ही उनकी बेटी की जान बच पाती। इस तरह के कई लाभार्थी हैं जिनके पास इलाज करवाने के लिए रुपये नहीं थे और अब वे इलाज करवा रहे हैं।

loksabha election banner

पंजीकरण करवाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को अभी राज्य में लागू हुए मात्र दो ही महीने हुए हैं। मगर इस योजना का लाभ लेने और इसके तहत पंजीकरण करवाने वालों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है। आलम यह है कि गोल्डन कार्ड बनाने वालों में जम्मू कश्मीर देश में दूसरे नंबर पर हैं। योजना के तहत इलाज करवाने वालों की संख्या भी अब एक हजार के पार कर चुकी है। हालांकि योजना के तहत दिक्कते भी आ रही हैं। परंतु योजना को लेकर राज्य के तीनों ही खित्तों में उत्साह है। जम्मू कश्मीर में इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 31 लाख से अधिक है। ढाई महीने से भी कम संख्या में ही दस लाख से अधिक लोगों के अभी तक इसके तहत गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जम्मू जिला इनमें सबसे आगे हैं। जिले में एक लाख से अधिक लोगों के कार्ड बन चुके हैं। कश्मीर और लेह संभाग भी इसमें पीछे नहीं है। इन दोनों ही क्षेत्रों में भी गोल्डन कार्ड बनाने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।

योजना में कुछ दिक्कते भी हैं

योजना में लोगों को कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। कुछ ऐसे टेस्ट भी है जो कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हैं और मरीजों को निजी लैब में करवाने पड़ते हें। परंतु योजना के तहत टेस्ट निजी लैब से करवाने पर उनका भुगतान करने की कोई भी योजना नहीं है। कई ऐसे मरीज है जिनके पास टेस्ट करवाने को रुपये ही नही हैं। ऐसे मरीजों के इलाज को डाक्टर अभी प्रतीक्षा करने को कह रहे हैं। योजना शुरू होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अधिक असर देखने को मिल रहा है। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो कि इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि उनके कार्ड नहीं बने। परंतु स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि इस मामले में वे कुछ नहीं कर सकते हैं। केवल पहले से पंजीकृत लोगों के ही कार्ड बन रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

राजकीय मेडिकेल कालेज अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. दारा सिंह का कहना है कि हमारे अस्पताल में अभी तक 132 लोगों का इलाजा हो चुका है। इनमें से तीस के इलाज पर आने वाले खर्च भी वापस मिल चुका है। उनका प्रयास रहता है कि जिनके पास भी गोल्डन कार्ड बने हैं, उनका इलाज हो सके। स्वस्थ्य विभाग के अधीन आने वाले सबसे बड़े गांधीनगर अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. चंद्रप्रकाश का कहना है कि आयुष्कान योजना का लोगों को काफी लाभ हो रहा है और लाभार्थी गोल्डन कार्ड बनाने के लिए सामने आ रहे हैं।

नए लोेगों को जोड़ना चाहिए

जम्मू- आयुष्मान भारत में कई लोगों का निशुल्क इलाज हो रहा है। परंतु कुछ ऐसे भी हैं जो कि गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, परंतु उनका कार्ड नहीं बन पाया है। खंडवाल पंचायत के सरपंच सोनमदीप का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी कहते हैं कि साल 2011 में हुए सर्वेक्षण के आधार पर ही कार्ड बनाए जा रहे हें। परंतु जो उस सर्वे में नहीं थे, उनके कार्ड भी बनने चाहिए ताकि गरीबों का इलाज हो सके। पंचायत चक वाना के सरपंच कुलजीत सिंह, पंचायत खोजपुरा के सरपंच संजय शर्मा का मानना है कि यह आयुष्मान योजना बहुत ही अच्छी है, परंतु इसमें नए लोगों को भी जोड़ना चाहिए ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके। कई पंचायतों में तो पंच-सरंपच स्वयं लाभार्थियों को कार्ड बांट रहे हैं ताकि योजना का सभी को लाभ मिले।

किस जिले में कितने बने गोल्डन कार्ड

  • ​​​​​जम्मू 1,24,596
  • कठुआ: 1,16,365
  • अनंतनाग: 104804
  • राजौरी: 82010
  • ऊधमपुर: 75234
  • पुंछ: 73493
  • बारामुला: 71029
  • श्रीनगर: 65744
  • डोडा: 52421
  • बडगाम: 52355
  • कुलगाम: 43455
  • पुलवामा: 43181
  • बांडीपोरा: 41622
  • कुपवाड़ा: 40325
  • रामबन: 37576
  • रियासी: 37051
  • सांबा: 32707
  • गांदरबल: 30452
  • किश्तवाड़: 25876
  • कारगिल: 25797
  • शोपियां: 15271
  • लेह, लद्दाख: 11068 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.