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    जम्मू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कैथलैब में सप्लाई रूकी, ACSSSH का आरोप, तीस करोड़ का भुगतान लंबित

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 12:39 PM (IST)

    जम्मू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की कैथलैब में सप्लाई रुक गई है। ACSSSH का आरोप है कि तीस करोड़ का भुगतान लंबित है, जिसके कारण सप्लाई बाधित हुई है। अस्पता ...और पढ़ें

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    एक साल से भी अधिक समय से भुगतान नहीं हुए हैं।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू के सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में कैथ लैब में जरूरी हृदय संबंधी उपकरणों और अन्य सामग्रियों की सप्लाई मंगलवार को दूसरे दिन भी नहीं हुई। सभी चार सप्लायराें ने सप्लाई रोक दी है। उनका आरोप है कि उनका तीस करोड़ रुपयों का भुगतान लंबित पड़ा हुआ है। भुगतान न होने के कारण उनके पास सामान खरीदने के लिए रुपये ही नहीं है। इस बारे में उन्होंने पहले से ही संबंधित अधिकारियों को अवगत भी करवा दिया था।

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    एसोसिएशन आफ कार्डियक सप्लायर्स आफ सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (ACSSSH) के पदाधिकारियों का कहना है कि उनके पास से आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्टंट, पेसमेकर सहित अन्य सामान लिया जाता है लेकिन एक वर्ष से असका भुगतान नहीं हुआ है। उनके पास से अमृत फार्मेसी यह उपकरण लेती है।

    लेकिन अमृत फार्मेसी और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी ने अभी तक तीस करोड़ रुपयों का बकाया नहीं दिया है। इस कारण वितरकों को अब अपनी मूल कंपनियों से नई आपूर्ति नहीं मिल रही है। स्टाक की अनुपलब्धता के कारण उनके पास सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आपूर्ति रोकने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हम सभी को उम्मीद है कि समस्या का समाधान जल्द ही हल हो जाएगा ताकि सबसे ज़रूरतमंद मरीजों को देखभाल मिलती रहे।

    ये भुगतान अस्पताल की कैथ लैब के लिए आवश्यक उच्च मूल्य वाले हृदय संबंधी उपकरणों और अन्य सामग्रियों की खरीद के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य स्वास्थ्य एजेंसी जम्मू और कश्मीर को आवंटन के बावजूद उनका भुगतान नहीं हुआ है। सभी प्रमुख आपूर्तिकर्ता जीवन महत्वपूर्ण वस्तुएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहे हैं। ये आपूर्ति जम्मू और कश्मीर की प्रमुख हृदय सुविधा में आपातकालीन हस्तक्षेपों के लिए जीवन रेखा का निर्माण करती है।

    आयुष्मान योजना के तहत सालाना हजारों मरीजों का समर्थन करती है। हालांकि सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड की एक इकाई अमृत फार्मेसी के माध्यम से भुगतान प्रक्रिया में लंबे समय तक देरी ने विक्रेताओं की क्षमताओं को कम कर दिया है।

    आपूर्तिकर्ताओं का कहना है कि उपकरणों की आपूर्ति में कोई भी कमी आपातकालीन हृदय संबंधी प्रक्रियाओं को ख़तरे में डाल सकती है और जीवन को जोखिम में डाल सकती है। इस पहल में जनता का विश्वास कम कर सकती है।उनका कहना है कि एक साल से भी अधिक समय से भुगतान नहीं हुए हैं।

    हमारा साझा लक्ष्य जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए निर्बाध देखभाल है। हम इस अंतर को पाटने और अस्पताल के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं।