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Pulwama-2 Mastermind Killed: पांच माह में 20 तलाशी अभियान और 10 मिनट में काम तमाम

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अब्दुल रहमान उर्फ फाैजी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:19 PM (IST)
Pulwama-2 Mastermind Killed: पांच माह में 20 तलाशी अभियान और 10 मिनट में काम तमाम
Pulwama-2 Mastermind Killed: पांच माह में 20 तलाशी अभियान और 10 मिनट में काम तमाम

राज्‍य ब्‍यूरो, श्रीनगर : पांच माह में 20 तलाशी अभियान और 10 मिनट की मुठभेड़ और काम तमाम। अफगानिस्तान में अमेरिकी फौजाें से लड़ने के बाद कश्मीर में तबाही मचाने के लिए भेजा गया आइईडी विशेषज्ञ अब्दुल रहमान उर्फ फौजी की कहानी इसके साथ ही समाप्‍त हो गई। वह कुछ दिन और जिंदा बच जाता, अगर उसने पुलवामा में कारबम तैयार कर एक और पुलवामा जैसा हादसा दोहराने की साजिश न रची होती। 28 मई को सुरक्षाबलों ने समय रहते कार बम को बरामद कर नकारा बना दिया था। इसके पांच दिन के भीतर सात लाख का इनामी जैश कमांडर फौजी भाई बुधवार को अपने दो स्थानीय साथियाें संग कंगन (पुलवामा) में हुई मुठभेड़ में मारा गया। मुठभेड़ में एक सैन्यकर्मी भी जख्मी हुआ और आतंकी ठिकाना बना एक ढांचा भी आग में तबाह हो गया।

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मुल्तान पाकिस्तान का रहने वाला फौजी उर्फ अब्दुल रहमान नवंबर 2017 में कश्मीर में जैश सरगना अजहर मसूद के भतीजे तल्हा रशीद की मौत के बाद दाखिल हुआ था। तल्हा रशीद सात नवंबर 2017 को दक्षिण कश्मीर के अगलर कंडी में अपने दो साथियों संग सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था। अब्‍दुल रहमान काफी समय से बचता फिर रहा था। यहां बता दें कि बीते साल पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आत्‍मघाती हमले के बाद सुरक्षाबलों ने वादी में सक्रिय जैश के लगभग सभी प्रमुख कमांडरों को अलग अलग मुठभेड़ों में मार गिराया था। शेष बचे जैश कमांडर अपने बिल में छिप गए थे।

अब जैश ने एक बार फिर वादी में अपनी उपस्थिति दिखाने और कैडर का मनोबल बनाए रखने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर एक बार फिर पुलवामा जैसा बड़ा धमाका करने की साजिश रची थी। जैश 11 मई को कार बम धमाका करना चाहता था लेकिन उस दिन नाकाम रहने के बाद 28 मई को हमले की साजिश रची गई थी। आतंकी साजिश को अमलीजामा पहनाते उससे पहले पुलिस ने कारबम को पुलवामा के पास बरामद कर लिया था। इस धमाके की साजिश में फौजी, इस्माइल, औरगाजी रशीद शामिल थे। कार को तैयार करने में फौजी ने अहम भूमिका निभाई थी।

सुरक्षाबलाें ने एक बार फिर उसकी तलाश तेज कर दी और बीते पांच दिनों में उसे पकड़ने के लिए मुरन पुलवामा में तीन तलाशी अभियान चलाए गए। बुधवार सुबह वह घेरे में फंस गया। वह अपने दो स्थानीय साथियों जाहिद बट और मंजूर के साथ कंगन में छिपा हुआ था। जवानों को ठिकाने की तरफ आते देख आतंकियों ने भागने का प्रयास किया और एक मकान के बाहरी हिस्से में बने पशुबाड़े में जा छिपे। इस दौरान फायरिंग में एक जवान जख्मी हो गया। सुरक्षाबलाें ने त्‍वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आतंकियों को 10 मिनट में ही ढेर कर दिया। इस दौरान आतंकियों द्वारा फेंके ग्रेनेड के फटने से लगी आग में उनका ठिकाना बना ढांचा भी नष्ट हो गया।

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अब्दुल रहमान उर्फ फाैजी के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। उन्होंने मारे गए अन्य दो आतंकियों की पहचान की पुष्टि से बचते हुए कहा कि वह स्थानीय हो सकते हैं। हमने कुछ लाेगों को पहचान के लिए बुलाया है। अगर वह स्थानीय हुए तो उनके परिजनों की मौजूदगी में ही पुलिस की निगरानी में दफनाया जाएगा।

18 माह छिपता रहा आौर 10 मिनट में ढेर हो गया: अफगानिस्तान से कश्मीर में आतंकवाद को धार देने और स्थानीय लड़कों को ट्रेनिंग देने के लिए आए जैश कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ फौजी को मार गिराने के लिए सुरक्षा एजेंसियां नवंबर 2017 में ही सक्रिय हो गई थी। वह लो-प्रोफाइल रहता था और बस्तियों में ज्यादा दिन कहीं ठिकाना नहीं बनाता था, इसलिए अकसर बच जाता था। बीते साल नवंबर माह के दौरान उसने पुलवामा, शोपियां और बडगाम में अपनी गतिविधियां बढ़ाना शुरु कीं। इसके साथ ही सुरक्षाबलों ने उसके खिलाफ अपने अभियान तेज कर दिए।

संबधित सूत्रों की मानें तो फौजी अक्सर एक अन्य पाकिस्तानी कमांडर इस्माईल के साथ मुरन पुलवामा में आता रहता था। इसका पता चलते ही जनवरी माह से लेकर बुधवार सुबह तक इन दोनों आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने 20 बार घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया। हर बार सुरक्षाबलों को पथराव का सामना करना पड़ा और आतंकी पत्‍थरबाज की आड़ लेकर भाग निकलते। बीते पांच दिनों में भी इस इलाके में सुरक्षाबल तीन बार तलाशी अभियान चला चुके हैं। अलबत्ता, बुधवार को फाैजी अपने दो स्थानीय साथियों संग फंस गया और 10 मिनट की मुठभेड़ में मारा गया। 


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