कश्मीर में जेहाद के नाम पर युवाओं को किया जा रहा गुमराह, अब जाहिद की हथियार संग फोटो हुई वायरल
दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग के सिरिगुफवारा में हगाम इलाके का रहने वाला जाहिद स्नातक की पढ़ाई कर रहा था।
जम्मू, राहुल शर्मा। कश्मीर में कथित जेहाद के नाम पर युवाओं को आतंकवाद की आग में झोंका जा रहा है। युवाओं को धर्म व कथित जेहाद का हवाला देकर आतंकी संगठन घाटी के युवाओं के हाथों में हथियार थमा रहे हैं। यही नहीं इस साल युवाओं की आतंकी संगठनों में भर्ती प्रक्रिया में तेजी के संकेत भी मिले हैं। सुरक्षाबल भी इस बात से भलीभांति परिचित हैं और चिंतित भी हैं। शनिवार को एक और लापता युवक की फोटो सोशल मीडिया पर सामने आई है। अनंतनाग से गत 21 जून से लापता यह युवक असॉल्ट राइफल के साथ दिखाई दे रहा है। उसने सोशल मीडिया पर जैश-ए-मुहम्मद आतंकी संगठन में शामिल होने का एलान किया है।
युवक की पहचान 23 वषीर्य जाहिद अहमद खांडे पुत्र तारिक अहमद खांडे के रूप में हुई है। दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग के सिरिगुफवारा में हगाम इलाके का रहने वाला जाहिद स्नातक की पढ़ाई कर रहा था। उसके परिजनों का कहना है कि वह 21 जून को घर से पढ़ाई के लिए निकला परंतु वापिस नहीं लौटा। उन्होंने संबंधित थाने में उसके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज करा रखी है।
पुलिस का कहना है कि पिछले महीने ही उन्होंने जाहिद के भाई को गिरफ्तार किया गया था। वह भी जून के पहले सप्ताह से लापता था। परंतु कुछ दिनों के बाद वह वापिस घर लौट आया। यही वजह थी कि उसे छोड़ दिया गया। अपने भाई की रिहाई के कुछ दिनों बाद ही जाहिद लापता हो गया। अब सोशल मीडिया पर जाहिद की राइफल के साथ फोटो और उसके जैश-ए-मोहम्मद में शामिल होने की सूचना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। हालांकि सेना प्रयास कर रही है कि जाहिद को किसी तरह वापस उसके परिजनों के बीच लाया जा सके। इसके लिए उसके परिजनों से भी मदद ली जाएगी। परंतु आतंकी संगठन में शामिल होने के बाद वह इस समय कहां छिपा हुआ है, सुरक्षाबलों को अभी तक इसकी कोई जानकारी नहीं है।
आपको बता दें कि अनंतनाग का हगाम इलाका घाटी के अन्य इलाकों के मुकाबले सबसे शांत क्षेत्र है। यह क्षेत्र वर्ष 2016 में भी शांत था जब पूरी घाटी बुरहान वानी की हत्या के खिलाफ घातक विरोध की चपेट में थी। उस दौरान इस इलाके में न तो विरोध प्रदर्शन हुए और न ही पथराव की घटनाएं घटी। जहां तक जाहिद की बात है तो पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि वह भी शांत स्वभाव का था। उसके परिवार में माता-पिता और एक भाई ही है।
बुरहान की मौत के बाद आतंकी भर्ती में आई तेजी
वर्ष 2016 में बुरहान वानी की हत्या के बाद घाटी में कथित जेहाद के नाम पर युवा छात्रों, इंजीनियरों, डॉक्टरों सहित अन्य पढ़े-लिखे युवाओं ने बंदूके उठाना शुरू कर दी थी। यह बात इससे भी पता चलती है कि बुरहान की मौत से पहले घाटी में करीब 88 कश्मीरी युवा ही आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए थे। परंतु पोस्टर ब्वाय की मौत के बाद घाटी में विरोध भड़क गया और स्थानीय आतंकवादियों की भर्ती में तेजी दर्ज की गई। वर्ष 2017 में 126 युवा विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े। इनमें अधिकतर युवा दक्षिण कश्मीर के जिले पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के थे। हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठनों से सबसे ज्यादा आतंकी जुड़े। इसी तरह वर्ष 2018 में 191 कश्मीरी युवा आतंकवाद से जुड़े। इनमें 139 दक्षिण कश्मीर के रहने वाले थे। सबसे ज्यादा 59 युवा पुलवामा के थे। इस सात की बात करें तो इन सात महीनों में ही तीन दर्जन से अधिक युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं। यही नहीं कई युवा अपने घरों से लापता हैं।