लद्दाख में दो मोर्चों पर जूझने के लिए और मजबूत हो रही सेना, जल्द स्थापित होगा इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम
रूस में निर्मित बाएवाया मशीना पेकहाटी (बीएमपी-2) इन्फैंटरी फाइटिंग वाहन लद्दाख के दुर्गम हालात में युद्ध में कामयाब साबित होंगे।
जम्मू, विवेक सिंह: बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख के दुर्गम हालात में दो मोर्चों पर लड़ाई में दुश्मन पर भारी पडऩे के लिए भारतीय सेना को मजबूत बनाने की मुहिम जारी है। सेना पश्चिमी लद्दाख में पाकिस्तान तो पूर्वी लद्दाख में चीन के सामने और ताकतवर बनकर मोर्चा संभालेगी।
पूर्वी लद्दाख के गलवन में उपजे हालात ने लद्दाख में सेना के और सशक्त होने की मुहिम को तेजी दी थी। भले ही अब गलवन में चीन ने अपने तेवर कुछ नरम किए हैं, लेकिन उस पर विश्वास किए बिना भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयारी जारी है। केंद्र सरकार ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस (आइटीबीपी) की अतिरिक्त बटालियनें तैनात करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, लद्दाख में मजबूत होने के लिए आधुनिक साजो सामान, फाइटर विमानों से जमीन, हवा से दुश्मन पर सटीक प्रहारों, बेहतर संचार सुविधाओं से उसकी निगरानी करने के साथ बेहतर सड़कों व पुलों से कम समय में वास्तविक नियंत्रण रेखा तक टैंक, तोपें व आमर्ड व्हीकल पहुंचाने का बुनियादी ढांचा स्थापित किया जाएगा। दुश्मन का सामना करने के लिए सेना के बेड़े में नए हथियार, टैंक, तोपों व बीएमपी-2 जैसे इन्फैंटरी फाइङ्क्षटग वाहनों की तैनाती की गई है।
बीएमपी-2 वाहन ढाई फीट ऊंचे पत्थरों पर चलने में सक्षम : रूस में निर्मित बाएवाया मशीना पेकहाटी (बीएमपी-2) इन्फैंटरी फाइटिंग वाहन लद्दाख के दुर्गम हालात में युद्ध में कामयाब साबित होंगे। पानी व जमीन पर आगे बढऩे में सक्षम इन वाहनों को दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी सड़क की सुरक्षा में तैनात किया गया है। वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा के लिए यह सड़क रणनीति रूप से भारतीय सेना के लिए बहुत अहम है। मिसाइलों, मशीनगनों से लैस यह वाहन 35 डिग्री ऊंची चढ़ाई चढऩे के साथ ढाई फीट ऊंचे पत्थरों पर भी चलने में सक्षम है।
आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया जाएगा : वहीं दूसरी ओर बेहतर तरीके से वास्तविक नियंत्रण रेखा की हवाई सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में भी कार्रवाई हो रही है। जल्द पूर्वी लद्दाख में दुश्मन की कड़ी निगरानी करने के लिए इजरायल में निर्मित आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात किया जाएगा। यह डिफेंस सिस्टम समय रहते मिसाइलें दागकर दुश्मन के हवा से हमला करने की साजिशों को नाकाम बनाएगा। इस समय दुश्मन के विमान तबाह करने के लिए लद्दाख में क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम पहले से तैनात है।
दुश्मन के मंसूबे नाकाम बनाने के लिए उससे अधिक ताकतवर होना होगा : चीन से सटी देश की सीमा पर तैनात रह चुके सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल जीएस जम्वाल का कहना है कि पुरानी सरकारों ने लद्दाख में सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में कार्रवाई नहीं की। इसका फायदा उठाने वाला चीन पूर्वी लद्दाख के पार मजबूत होता गया। अब केंद्र सरकार ने पूर्वी लद्दाख में पूरी ताकत झोंक दी है। चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता। उसके मंसूबे नाकाम बनाने के लिए उससे अधिक ताकतवर होना समय की मांग है। अब इस दिशा में कार्रवाई हो रही है।