सिंचाई विभाग के ठेकेदारों की हड़ताल स्थगित, एक हफ्ते में भुगतान करने का मिला आश्वासन
कमिश्नर सेक्रेटरी के इस आश्वासन पर ठेकेदारों ने हड़ताल को करीब दस दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की। वायदा पूरा न होने पर वे सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।
जम्मू, जेएनएन। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के ठेकेदारों ने शनिवार को हड़ताल स्थगित करने की घोषणा की। ठेकेदारों ने यह निर्णय दोपहर बाद कमिश्नर सेक्रेटरी पीएचई फारूक शाह के आश्वासन पर लिया है। मोबाइल पर ठेकेदारों के साथ हुई बातचीत में शाह ने इस बात का विश्वास दिलाया कि एक सप्ताह के भीतर उन्हें रणबीर नहर की सिल्ट निकालने का भुगतान कर दिया जाएगा। जहां तक दूसरी परियोजनाओं पर किए गए कार्यों की देनदारी की बात है तो सरकार ने उस पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है। फंड्स मिलते ही वह देनदारी भी चुकता कर दी जाएगी।
पिछले दो दिनों की तरह शनिवार सुबह भी ठेकेदारों ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य द्वार पर धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करना शुरू कर दी। धरने पर बैठे ठेकेदारों ने इस दौरान न तो किसी कर्मचारी को अंदर जाने दिया और न ही बाहर। ठेकेदार इसी बात पर अड़े हुए थे कि जब तक विभाग उन्हें बकाया भुगतान जारी करने का विश्वास नहीं दिलाया उनका आंदोलन जारी रहेगा। चीफ इंजीनियर दिल्ली से जम्मू से पहुंच गए थे परंतु तबीयत ठीक न होने के कारण वह कार्यालय में नहीं आए।
उन्होंने सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर अश्विनी आनंद को एक बार फिर ठेकेदारों से बात करने के लिए कहा। अश्विनी धरना स्थल पर पहुंचे और ठेकेदारों को शांत करते हुए यह विश्वास दिलाया कि उनकी मांगों पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही उनकी देनदारी चुकता कर दी जाएगी। ठेकेदार मानने को तैयार नहीं थे। वह इसी बात पर अड़े रहे कि जब तक सरकार का प्रतिनिधि इस बात का विश्वास नहीं दिलाता वे पीछे नहीं हटेंगे। इस पर एसई आनंद ने हड़ताली ठेकेदारों की बात मोबाइल पर कमिश्नर सेक्रेटरी फारूक शाह से करवाई। इरीगेशन कांट्रेक्टर एसोसिएशन के प्रधान सुभाष शर्मा ने कमिश्नर सेक्रेटरी को अपनी परेशानियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों की विभाग पर 18 करोड़ रूपये के करीब देनदारी पहुंच चुकी है। ऐसे में ठेकेदारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है।
शाह ने ठेकेदारों को यकीन दिलाया कि एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगों को हल कर दिया जाएगा। कमिश्नर सेक्रेटरी के आश्वासन पर ठेकेदारों ने हड़ताल को करीब दस दिनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इसी के साथ उन्होंने चेतावनी भी दे डाली की कि यदि इस दौरान वायदा पूरा नहीं हुआ तो वे फिर से सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।