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World Book Day 2021: इंटरनेट ने किताबों से बढ़ाईं दूरियां, जम्मू की रणबीर लाइब्रेरी में है दुर्लभ किताबों का भंडार

श्री रणबीर लाइब्रेरी में द़ुर्लभ किताबों का भंडार है। डिप्टी डायरेक्टर लाइब्रेरिज मिता भारद्धाज ने बताया कि तीन सौ के करीब किताबें लाइब्रेरी की वेब साइट पर हैं। अभी बहुत सी और भी दुर्लभ किताबें हैं। जिन्हें नेट पर चढ़ाने की तैयारी है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 04:17 PM (IST)
World Book Day 2021: इंटरनेट ने किताबों से बढ़ाईं दूरियां, जम्मू की रणबीर लाइब्रेरी में है दुर्लभ किताबों का भंडार
इन अलमारियों में जिनमें बंद शीशे से किताबें पाठकों का इंतजार करती रहती हैं।

जम्मू, अशोक शर्मा। लोगों और किताबों की दूरी पाटने के लिए मनाए जाने वाले विश्व पुस्तक दिवस पर गुलजार का शे’र ‘किताबें झांकती हैं बंद अलमारी के शीशों से़, बड़ी हसरत से तकती हैं, महीनों अब मुलाकातें नहीं होतीं, जो शामें इनकी सोहबत में कटा करती थीं, अब अक्सर गुजर जाती है कंप्यूटर के पर्दो पर’ आज के युग में पूरी तरह से सटीक बैठता है।

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इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के बीच घंटों किताबों के पन्ने पलटने वाले पाठक भी आज कंप्यूटर के सामने माउस घुमाने में रुचि दिखा रहे हैं।एक तरफ इंटरनेट का दौर और उस पर से कोरोना के खौफ के बीच लोगों के घरों में ही नहीं, पुस्तकालयों में भी किताबों की अलमारियां बंद ही रहती हैं। इन अलमारियों में जिनमें बंद शीशे से किताबें पाठकों का इंतजार करती रहती हैं।

लोगों और किताबों में दूरी बढ़ती ही जा रही है। अब घंटों अपनी किसी पसंदीदा किताब के लिए पुस्तकालयों की अलमारियां खंगालने वाले पाठक कम ही नजर आते हैं। पाठकों का कहना है कि जो किताब उन्हें नेट पर क्लिक करने पर मिल जाती है, उसके लिए वह घंटों लाइब्रेरी में क्यों बर्बाद करें। वहीं आज भी कुछ पाठक हैं, जिनका मानना है कि जो मजा लाइब्रेरी में बैठ कर पुस्तक पढ़ने का है, वह कहीं और कहां।डिप्टी डायरेक्टर लाइब्रेरीज मीता भारद्धाज ने बताया कि पाठकों की कमीं नहीं है, हां, इस वर्ष कोरोना के चलते लाइब्रेरी से कार्ड बनाने वालों की संख्या में जरूर भारी कमी आई है।

सामान्य हालात में रीडिंग रूम हर समय भरा रहता है। लाइब्रेरी में ग्रंथों के भंडार के अलावा मेडिकल, इंजीनियरिंग, बैंकिंग आदि सभी किताबें हैं। लगभग हर प्रकार की किताबें लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं। विभिन्न भाषाओं की साहित्यिक पुस्तकों का अच्छा भंडार है।अलग से बच्चों का कोना भी बनाया गया है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी हजारों किताबें हैं। बैठने की जगह होनी चाहिए। लाइब्रेरी स्टाफ हर किसी का सहयोग करता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चे यहां खूब आते हैं।

जम्मू के पुस्तकालय

जम्मू-कश्मीर में 156 पुस्तकालय हैं।जिनमें से जम्मू संभाग में 56 पुस्तकालय और तीन रीडिंग रूम हैं।स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों के अपने अलग से पुस्तकालय हैं।श्री रणबीर लाइब्रेरी के अलावा कला केंद्र में जिला लाइब्रेरी है।इसके अलावा 13 लाइब्रेरिज एवं पलांवाला में एक रीडिंग रूम है। आरएसपुरा, अखनूर, बिश्नाह में तहसील लाइब्रेरी है। रेशम घर कालोनी, रूपनगर में लेंडिंग डिपो है।घो मंहासा , भोर कैंप, खोड, मंडाल फलाएं, अगोर, सतराइयां में र्बाडर ब्लाक लाइब्रेरी है। जिला कठुआ में नौ, ऊधमपुर में तीन, रियासी मे दो, राजौरी में दस, पुंछ में पांच, डोडा में तीन, रामबन में तीन एवं किश्तवाड़ में चार पुस्तकालय हैं।

दुर्लभ किताबों का भंडार

श्री रणबीर लाइब्रेरी में द़ुर्लभ किताबों का भंडार है। डिप्टी डायरेक्टर लाइब्रेरिज मिता भारद्धाज ने बताया कि तीन सौ के करीब किताबें लाइब्रेरी की वेब साइट पर हैं। अभी बहुत सी और भी दुर्लभ किताबें हैं। जिन्हें नेट पर चढ़ाने की तैयारी है। जल्द दुर्लभ किताबों का अलग से रीडिंग रूम बनाया जाएगा। लाइब्रेरी के विस्तार का कार्य जारी है। कार्य पूरा होते ही पाठक इन दुर्लभ किताबों को आसानी से पढ़ सकेंगे।


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