Jammu Kashmir: दूसरे राज्यों में गई 45 एसआरटीसी और प्राइवेट बसें लौटीं
जम्मू-कठुआ रूट पर प्राइवेट बस ऑपरेटरों की 300 बसें दौड़ती हैं लेकिन कोरोना वायरस से एहतियात बरतने की वजह से लोग अपने घरों से काफी कम निकल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में इंटर स्टेट बस सेवा के परिचालन पर रोक लगाने के बाद वीरवार को शहर की सड़कों पर दौड़ने वाली वाहनों की संख्या नाममात्र ही दिखी। शहर के बीसी रोड में स्थित प्राइवेट बस ऑपरेटरों के कार्यालय और बुकिंग सेंटर सुबह से ही इंटर स्टेट बस सेवा परिचालन पर रोक लगाने की वजह से बंद रहीं। यही हाल बस स्टैंड का भी रहा। स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के इंटर स्टेट बुकिंग काउंटर भी पूरी तरह से बंद रहे, जबकि इक्का-दुक्का यात्री ही नजर आए।
स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एसआरटीसी) के रेलवे हेड कांप्लेक्स स्थित यार्ड और बिक्रम चौक स्थित यार्ड इंटर स्टेट रूट पर दौड़ने वाली बसों की पार्किंग की वजह से फुल हो गए, जबकि यही हाल ट्रांसपोर्ट नगर नरवाल स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल में भी रहा। 50 से अधिक प्राइवेट बस ऑपरेटरों की बसों के पहिये भी अब अगले आदेश तक के लिए थम गए हैं। एसआरटीसी के जनरल मैनेजर (ऑपरेशन) सुदेश गुप्ता ने बताया कि आज दिल्ली, देहरादून, जयपुर, अमृतसर, हरिद्वार, राजस्थान और चंडीगढ़ से करीब 30 के करीब बिना यात्रियों को लेकर लौटी हैं। प्राइवेट बस ऑपरेटरों की भी 15 स्लीपर और वॉल्वो बस लौटी हैं।
ऑल इंडिया स्लीपर बस ऑनर्स यूनियन के महासचिव रवि शर्मा ने बताया कि सभी बसें बिना यात्रियों को लेकर ही लौटी हैं। फिलहाल सभी बसों को ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल और बीसी रोड स्थित प्राइवेट पार्किंग व समाधियां रोड स्थित पार्किंग में खड़ा कर दिया गया है। अब कल से बसों को सैनिटाइज करने का काम शुरू हो जाएगा।
इंटर डिस्ट्रिक्ट रूट भी प्रभावित हुआः इंटर स्टेट रूट के परिचालन पर पाबंदी लगने के बाद इसका असर इंटर डिस्ट्रिक्ट रूट पर भी देखने को मिला। जम्मू-कठुआ रूट पर प्राइवेट बस ऑपरेटरों की 300 बसें दौड़ती हैं, लेकिन कोरोना वायरस से एहतियात बरतने की वजह से लोग अपने घरों से काफी कम निकल रहे हैं। इसकी वजह से यात्री बसों में सवारियां की संख्या भी पहले की अपेक्षा एक तिहाई होकर रह गई हैं। जम्मू-कठुआ रूट बस यूनियन के अध्यक्ष स. कुलदीप सिंह ने बताया कि इस समय स्थिति काफी नाजुक है। वीरवार को कठुआ रूट पर 100 के करीब बसें चलीं, लेकिन इनमें ज्यादातर बसें नाममात्र सवारियों लेकर ही गंतव्य तक गई। इसके चलते फेरे के दौरान खर्च होने वाले डीजल का खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है। एसआरटीसी की इंटर डिस्ट्रिक्ट रूट पर भी केवल 20 बसें ही पुंछ, राजौरी जिलों के लिए दौड़ीं, जबकि सामान्य दिनों में 35 से 40 बसें यात्रियों को लेकर जाती हैं।
रेलवे स्टेशन-कटड़ा रूट पूरी तरह बंदः विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी की यात्रा पर रोक लगा जाने के बाद जम्मू के रेलवे स्टेशन से कटड़ा रूट पर दौड़ने वाली स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन और प्राइवेट बस ऑपरेटरों की बस सेवा का परिचालन पूरी तरह से बंद हो गया है। रेलवे स्टेशन से कटड़ा के लिए एसआरटीसी की इलेक्ट्रिक बस सेवा और प्राइवेट बस ऑपरेटरों की बसें माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं को लेकर कटड़ा के फेरे लगाती थीं, अब रेलवे स्टेशन के बस स्टैंड में खड़ी हैं। इनमें सफर करने वाले यात्री ढूंढने से भी नहीं मिल रहे हैं।
पार्किंग स्टैंड से जेडीए की कमाई बढ़ीः इंटर स्टेट रूट पर बसों का परिचालन बंद होने से जेडीए के पार्किंग स्टैंड इन दिनों चांदी काट रहे हैं। आम दिनों में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित इंटर स्टेट बस टर्मिनल में बनी पार्किंग में , लेकिन अब 50 के करीब बस इस पार्किंग में खड़ी की गई हैं। इससे जेडीए की आमदनी बढ़ गई है। प्रत्येक बस से 50 रुपये एक दिन की पार्किंग के लिए वसूले जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल बीसी रोड स्थित प्राइवेट पार्किंग की है। इसमें प्रत्येक बस की सुबह पार्किंग करने पर 250 रुपये और शाम को पार्किंग करने पर 250 रुपये वसूले जाते हैं।