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Jammu Kashmir: पेट दर्द की शिकायत लेकर निजी अस्पताल गए इंटेलीजेंस आफिसर की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

पेट दर्द की शिकायत को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे इंटेलीजेंस आफिसर की मौत के बाद उसके परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक इंटलीजेंस आफिसर डायरेक्टर रेवन्यू इंटेलीजेंस में कार्यरत था जो वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Thu, 08 Jul 2021 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 08 Jul 2021 08:00 PM (IST)
Jammu Kashmir: पेट दर्द की शिकायत लेकर निजी अस्पताल गए इंटेलीजेंस आफिसर की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
इंटेलीजेंस आफिसर के पिता की शिकायत पर कार्रवाई करते पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

जम्मू, जागरण संवाददाता। पेट दर्द की शिकायत को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे इंटेलीजेंस आफिसर की मौत के बाद उसके परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। मृतक इंटलीजेंस आफिसर डायरेक्टर रेवन्यू इंटेलीजेंस में कार्यरत था जो वित्त मंत्रालय के अधीन आता है।

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इंटेलीजेंस आफिसर के पिता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला शहर के छन्नी हिम्मत स्थित एसडीडीएम अस्पताल में वीरवार सुबह पेश आया। मौजूदा समय सैनिक कालोनी के सेक्टर-डी में रह रहे 31 वर्षीय इंटेलीजेंस आफिसर हिमांशु शर्मा पुत्र विनय कुमार शर्मा निवासी पटियाला को घर में पेट दर्द की शिकायत हुई तो उसके पिता उसे उपचार के लिए छन्नी हिम्मत स्थित निजी अस्पताल एसडीडीएम ले आए।

हिमांशु के पिता का कहना है कि अस्पताल में उसे जब लाया गया तो वहां पर डाक्टर ने उसकी जांच की और उसे एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाने के बाद हिमांशु की पेट दर्द कम हुई तो वह उसे लेकर घर आने लगे लेकिन हिमांशु को उलटी आ गई। इसके बाद जब दोबारा वे डाक्टर के पास गए तो डाक्टर ने उन्हें एक पर्ची पर इंजेक्शन लिख कर दिया जिसे वह बाहर दुकान से लेकर आए। हिमांशु को उस इंजेक्शन के साथ एक आैर इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। हिमांशु के पिता ने बताया कि उनके बेटे को सांस लेने में समस्या होने लगी। उसके बाद डाक्टरों ने उनके बेटे का उपचार शुरू किया और उन्हें बाहर कर दिया।

कुछ देर बाद डाक्टर ने बताया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है। इंटेलीजेंस आफिसर के पिता का आराेप है कि गलत इंजेक्शन लगाने से उनके बेटे की मौत हुई और उसके लिए अस्पताल जिम्मेदार है। उनका कहना है कि अस्पताल में जब मरीज को लाया जाता है तो उसकी उपचार की पर्ची बनाई जाती है लेकिन इस अस्पताल मेें उनके बेटे की मौत के बाद डाक्टरों ने रिपोर्ट बनाना शुरू की। इस घटना के बाद हिमांशु के पिता के साथ कुछ स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल का घेराव कर लिया।

उधर इस मामले की जैसे ही सूचना छन्नी पुलिस काे मिली तो वे मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने हिमांशु के शव को कब्जे में ले लिया और उसका जीएमसी अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस का कहना कि हिमांशु का उपचार करने वाले डाक्टर से पूछताछ की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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