JK New Industrial Policy: नई नीति से उद्योग जगत खुश, बताया निवेश का बड़ा अवसर, रोजगार भी बढ़ेंगे
जम्मू कश्मीर के उद्योगपतियों का मानना है कि नई उद्योग नीति से जम्मू कश्मीर के मौजूदा उद्योग को बल मिलेगा और उन्हें भी अपने उद्योग का विस्तार करने पर सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलेगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
जम्मू, जागरण संवाददाता: जम्मू कश्मीर के लिए बनी नई उद्योग नीति में नए निवेश के साथ मौजूदा उद्योग को रियायत दिए जाने से स्थानीय उद्योगपतियों में खुशी की लहर है। उद्योगपतियों का मानना है कि इससे जम्मू कश्मीर के मौजूदा उद्योग को बल मिलेगा और उन्हें भी अपने उद्योग का विस्तार करने पर सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलेगी। जम्मू-कश्मीर में करीब 35 हजार उद्योगपतियों को इस योजना का सीधा लाभ होगा और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। पूंजी निवेश से लेकर उत्पादन तक सरकार ने मदद का हाथ बढ़ाया है, जिसका सबको फायदा होगा और जम्मू कश्मीर में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी।
पूंजी निवेश में 50 करोड़ तक की सब्सिडी कारगर: नई नीति में दो अहम बातें हैं, जिसका सीधा लाभ मिलेगा। पूंजी निवेश में सरकार 50 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दे रही है। 50 फीसद तक की यह सब्सिडी मिलने से अन्य राज्यों से बड़े निवेशक जम्मू-कश्मीर आएंगे। प्लांट व मशीनरी पर सरकार जोन-ए (शहरी क्षेत्र) में 30 फीसद तक जबकि जोन-बी (ग्रामीण क्षेत्र) में 50 फीसद तक सब्सिडी दे रही है। इससे छोटे उद्योग से लेकर बड़े उद्योग, सबको फायदा होगा। सरकार इस नीति के तहत प्लांट-मशीनरी पर 500 करोड़ रुपये तक के बैंक कर्ज पर सात साल के लिए छह फीसद ब्याज छूट दे रही है, जो बड़ी राहत है। मौजूदा उद्योगपति भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपने उद्योग का विस्तार कर सकते हैं। अभी तक मौजूदा उद्योग के लिए कोई खास रियायत नहीं थी, लेकिन इस नीति में मौजूदा उद्योग का भी ध्यान रखा गया है, जो अच्छी बात है। -ललित महाजन, चेयरमैन, फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू
सरकार ने उद्योग की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया: उद्योग नीति में हर किसी का ध्यान रखा गया है। उद्योग लगाने से लेकर उद्योग चलाने तक सरकार ने उद्यमियों की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है। जम्मू कश्मीर में उद्योग लगाने के बाद सीमित बाजार व कौशल कारीगरों की कमी के साथ भौगोलिक परिस्थितियों के चलते उत्पादन हमेशा महंगा रहता है। यही कारण है कि जम्मू कश्मीर के उद्योगपति आज तक दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए। अब उद्योग को आर्थिक रियायत मिलने से उत्पादन खर्च कम होगा और उद्योगपति दूसरे राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। सरकार ने नए विशेष को बढ़ावा देने के लिए इस नीति में पूंजी निवेश, प्लांट-मशीनरी के साथ इमारत निर्माण पर भी रियायत दी है। इसका काफी फायदा होगा और बड़े उद्योग जम्मू-कश्मीर में आएंगे। -अजय लंगर, उप-प्रधान बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
जम्मू कश्मीर में उद्योगों के विस्तार की राह तैयार: जम्मू-कश्मीर की नई उद्योग नीति स्वागत योग्य है। इसमें हर किसी का ध्यान रखा गया है। अब किन क्षेत्रों में कितनी प्राथमिकता मिलेगी, यह तो अधिसूचना जारी होने पर ही स्पष्ट हो पाएगा, लेकिन अभी तक जो सामने आया है, उससे साफ है कि केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश में औद्योगिक विस्तारीकरण का सुनहरा भविष्य संजोया है। किसी भी प्रदेश का अगर उद्योग मजबूत रहता है तो क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। रोजगार के पर्याप्त अवसर रहते हैं। जम्मू कश्मीर में आज तक इन चीजों की कमी थी। बेरोजगारी चरम पर है। उम्मीद कर सकते हैं कि नई उद्योग नीति से प्रदेश में उद्योग विकसित होगा और युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। इस उद्योग नीति से एक बार फिर केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। - विराज मल्होत्रा, महासचिव बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
उद्योग का दायरा बढ़ेगा और रोजगार के अवसर भी: उद्योग नीति में सरकार ने चौदह प्राथमिक क्षेत्र चिन्हित किए हैं, जो पारंपरिक उत्पादन क्षेत्रों से अलग हैं। इससे चौतरफा औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। अभी तक जम्मू कश्मीर में काफी सीमित चीजों का उत्पादन हो रहा था, लेकिन प्राथमिकताएं तय होने से दायरा बढ़ेगा। दूसरी सबसे खास बात यह है कि सरकार ने उद्योग नीति के तहत सर्विस सेक्टर को भी शामिल किया है। इससे इंडस्ट्री से जुड़े अन्य कारोबारों को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे केवल उद्योग में नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ऐसी पूरी उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर में निजी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी मिलेगी। अशिक्षित लोगों के लिए भी सर्विस सेक्टर व पैंकिंग सेक्टर में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे। - विवेक सिंघल, कोषाध्यक्ष, बड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन