जम्मू इंडस्ट्री ने चैंबर को दिया तलाक, जानें क्या रही वजह?
राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद से ही उद्योग जगत लखनपुर टोल टैक्स को जारी रखने की मांग करता आ रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। लखनपुर टोल टैक्स को लेकर उद्योग व व्यापार जगत में चले आ रहे घमासान ने शुक्रवार को निर्णायक रूख अपना लिया। उद्योग जगत ने खुद को चैंबर से अलग करते हुए ऐलान कर दिया कि भविष्य में चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री उनका प्रतिनिधित्व नहीं करेगा और अब फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू डिवीजन के उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करेगी। चैंबर को अब केवल ट्रेडर्स का संगठन ही माना जाए।
राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद से ही उद्योग जगत लखनपुर टोल टैक्स को जारी रखने की मांग करता आ रहा है। शुरूआत में चैंबर ने इस पर चुप्पी साधे रखी थी लेकिन पिछले कुछ समय से चैंबर लगातार इसे हटाने की मांग करता आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पूर्व तो चैंबर ने धमकी दी थी कि अगर इसे नहीं हटाया गया तो चैंबर जम्मू बंद का आह्वान करेगा। इसे लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने हस्तक्षेप किया और चैंबर को बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा की। बैठक के दौरान चैंबर ने लखनपुर टोल टैक्स हटाने की मांग को जोरशोर से उठाते हुए कहा था कि मुट्ठी भर उद्यमियों के फायदे के लिए पूरे राज्य पर दोहरे टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। चैंबर हालांकि उद्योग व व्यापार जगत, दोनों का प्रतिनिधित्व करता है और उसके इस एक तरफा बयान के बाद उद्योग जगत में खासा रोष पनप गया।
ताजा हालात पर चर्चा करने के लिए बड़ी-ब्राह्मणा, गंग्याल, डिग्याना, वीरपुर, सांबा, कठुआ व ऊधमपुर औद्योगिक संगठनों की शुक्रवार को बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि भविष्य में फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू पूरे डिवीजन के औद्योगिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करेगी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू के चेयरमैन ललित महाजन ने कहा कि चैंबर का प्रतिनिधित्व ट्रेड संगठन कर रहे हैं और उसमें जम्मू डिवीजन के किसी औद्योगिक संगठन का कोई प्रतिनिधि नहीं। लिहाजा यह फैसला किया गया है कि सरकार जब भी उद्योग संबंधी कोई चर्चा करेगी, उसमें फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करेगा। महाजन ने राज्यपाल से भी अपील की कि लखनपुर टोल टैक्स के मुद्दे पर जो कमेटी बन रही है, उसमें फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज जम्मू को भी बतौर सदस्य शामिल किया जाए।
ललित महाजन ने कहा कि लखनपुर टोल टैक्स के कारण ही जम्मू-कश्मीर का उद्योग बचा है। आज राज्य की औद्योगिक इकाईयां प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से चार लाख लोगों को रोजगार दे रही है। राज्य के सरकारी विभागों में कर्मचारियों की संख्या भी चार लाख ही है। ऐसे में सरकारी नौकरी के बाद रोजगार के दूसरे सबसे बड़े साधन की अनदेखी नहीं की जा सकती। बैठक के दौरान फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज के सह-चेयरमैन रतन लाल डोगरा, जतेंद्र ओल, अजीत लाल बावा, विजय अग्रवाल व दीपक धवन, एसोशिएटिड चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री ऊधमपुर के प्रधान रवि मंगलोरिया मुख्य रूप से मौजूद रहे।