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Jammu Kashmir : नये मिशन पर सेना : आवाम की दोस्त-दुश्मन के लिए काल

जम्मू कश्मीर में वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने विभिन्न अभियानों में 163 आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान 78 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 10:29 AM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 10:29 AM (IST)
Jammu Kashmir : नये मिशन पर सेना : आवाम की दोस्त-दुश्मन के लिए काल
Jammu Kashmir : नये मिशन पर सेना : आवाम की दोस्त-दुश्मन के लिए काल

जम्मू, विवेक सिंह ।  नये जम्मू कश्मीर में सेना नये मिशन पर है। आवाम की दोस्त, पर दुश्मन के लिए काल। पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम करते हुए सेना उसकी हर गोली का करारा जवाब दे ही रही है। साथ ही जम्मू कश्मीर की आवाम से दिल का रिश्ता जोड़ने में लगी है। ऑपरेशन सद्भावना के तहत शिक्षा, खेल और चिकित्सा से आवाम को अपने साथ जोड़ रही है। बर्फबारी वाले क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर सेना लोगों का विश्वास और दिल जीतने में भी कामयाब रही है।

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जम्मू कश्मीर में वर्ष 2019 में सुरक्षाबलों ने विभिन्न अभियानों में 163 आतंकियों को मार गिराया। इस दौरान 78 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए। आतंकी संगठन लश्कर और जैश की तो सेना ने कमर ही तोड़ दी। उनके कई प्रमुख कमांडर मारे गए। अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद आतंकवाद में खासी कमी आई। प्रदेश में एक जनवरी से लेकर पांच अगस्त तक 136 आतंकी मारे गए थे। अगले पांच महीनों में 27 आतंकी मारे गए।

एक ओर सेना आतंकियों पर कहर बरपा रही है तो दूसरी ओर जम्मू कश्मीर की आवाम के लिए रहनुमा बन चुकी है। खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों की शिक्षा के साथ स्वास्थ्य का जिम्मा सेना ने संभाल लिया है। सेना के 43 गुडविल स्कूलों में पंद्रह हजार बच्चे बेहतर भविष्य की राह खोज रहे रहे हैं। साथ ही सेना तीन ट्र्रेंनग-र्कोंचग सेंटर भी चला रही है। दूरदराज के लोगों के लिए वर्ष में 200 मेडिकल कैंप व मवेशियों के इलाज के लिए 90 वैटेनरी कैंप लगाए गए। पूर्व सैनिकों के मसलों को दूर करने के लिए भी 35 रैलियों का आयोजन किया गया। इसी वर्ष पुलवामा हमले के बाद 26 फरवरी को वायुसेना की ओर से पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हमले से खिसियाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में 3200 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। मिशन रीच आउट के तहत थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उत्तरी कमान के शीर्ष कमांडरों ने नियंत्रण रेखा के दौरे कर मुश्किलों को दूर करने की मुहिम को बल दिया।

कारगर साबित हो रहा ऑपरेशन ‘रीच आउट’

लोगों का दिल जीतने के लिए सेना ने मिशन ‘रीच आउट’ अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान में सेना के जवान व अधिकारी लोगों के पास जाकर उनके दुख दर्द दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें लोगों के लिए चिकित्सा से लेकर अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाई जाती हैं।

ऑपरेशन मां से लौटे भटके हुए 70 से अधिक युवा

सेना ने ऑपरेशन ‘मां’ चलाकर पाकिस्तान के दुष्प्रचार के कारण राह से भटके 70 से अधिक युवाओं की घर वापसी सुनिश्चित की। इसके तहत सेना ने इन युवाओं की मां से अपील करवाई कि वे लौट आएं। इसका व्यापक असर भी दिखा।

लोगों का हौसला बढ़ाकर सुनिश्चित किया जा रहा है कि दुश्मन उन्हें गुमराह न कर पाए। सेना शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र की मुश्किलों को प्राथमिकता पर दूर कर रही है।

- लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद, पीआरओ डिफेंस जम्मू 


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