Chadar Trek: वायु सेना ने चादर ट्रैक में फंसे 112 ट्रैकरों को बचाया, फ्रांसीसी-चीनी ट्रैकर अभी भी फंसे
सेना का कहना है कि ट्रैक पर स्थित पदम इलाके में नौ ट्रैकर फंसे हुए हैं जिनमें फ्रांसीसी और चीनी नागरिक शामिल हैं। जल्द ही इन्हें भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
लेह, जेएनएन। लद्दाख में चादर ट्रैक के दौरान जांस्कर नदी में आई अचानक बाढ़ के बाद वहां फंसे पर्यटकों के रेस्क्यू के लिए भारतीय वायु सेना के जवान एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर्स की मदद से बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं। पिछले दो दिनों के दौरान जवानों ने 71 ट्रैकरों को बचाया है। भारतीय वायु सेना के अनुसार अभी भी ट्रैक पर कुछ ट्रैकरों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इन ट्रैकरों की संख्या नौ के करीब बताई जा रही है जोकि पदम इलाके में फंसे हुए हैं। इनमें फ्रांसीसी और चीनी नागरिक शामिल हैं। खराब मौसम होने की वजह से हैलीकाप्टर को इलाके में ले जाना मुश्किल हो रहा है परंतु जवान पूरा प्रयास कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन ट्रैकरों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए।
चादर ट्रैक पर फंसे ट्रैकरों के बचाव के लिए लेह प्रशासन द्वारा मदद मांगने के बाद हरकत में आई भारतीय वायु सेना ने पिछले दो दिनों से बचाव अभियान शुरू किया हुआ है। गत मंगलवार को बर्फ पर हेलीकाप्टर को उतार कर सेना ने 6 ऐसे पर्यटकों को बचाया जिनकी हालात ठंड के कारण गंभीर हो गई थी। सेना के बचाव दल ने गंभीर हालात में इन ट्रैकरों को लेह में सैन्य अस्पताल में पहुंचाया। इससे पहले रविवार को लेह प्रशासन ने 41 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाला था।
लेह प्रशासन का कहना है कि ट्रैक पर 130 से अधिक ट्रैकर फंसे हुए थे। रविवार से जारी बचाव अभियान के दौरान अभी तक वायु सेना के जवान 112 ट्रैकरों को बचा चुकी है। पिछले दो दिनों के दौरान 71 ट्रैकरों को सुरक्षित ट्रैक से निकाला गया है। लेह प्रशासन ने फिलहाल चादर ट्रैक को ट्रैकिंग के लिए बंद कर दिया है। इस समय चादर ट्रैक के आस स के इलाकों में कई ट्रैकर फंसे हुए हैं। मौसम अनुकूल न होने के कारण बर्फ पर न उतर पाने के कारण सेना ने फिलहाल इन ट्रैकरों में दवाईयां, गर्म पकड़े, राशन आदि वितरित किया है। सेना का कहना है कि ट्रैक पर स्थित पदम इलाके में नौ ट्रैकर फंसे हुए हैं जिनमें फ्रांसीसी और चीनी नागरिक शामिल हैं। जल्द ही इन्हें भी सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
आपको बता दें कि चादर ट्रैक रोमांच के साथ खतरों से भरा हुआ है। हर साल यहां ट्रैकिंग के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। खतरों से भरे इस ट्रैक की दुश्वारियों को देखते हुए ही केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख प्रशासन ने कई नियम लागू कर रखें हैं। जंस्कार घाटी में स्थित संधु नदी की यह सहायक नदी सर्दियों में पूरी तरह से जम जाती है। यहां घाटी कि खड़ी चट्टानों कि दीवारों कि ऊंचाई 600 मीटर है जबकि कुछ स्थानों में यह नदी 5 मीटर चौड़ी है। सर्दियों के दौरान बर्फ में तबदील हो जाने पर जंस्कार घाटी के स्थानीय लोगों इसे रास्ते के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।