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Srinagar Municipal Corporation: श्रीनगर डिप्टी मेयर की कुर्सी से नौ कदम दूर रह गई भाजपा, निर्दलीय कारपोरेटर परवेज चुने गए

दिसंबर में भाजपा ने मेयर और डिप्टी मेयर को अपदस्थ करने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन जुनैद मट्ट ने अचानक मुंबई से श्रीनगर पहुंचकर कर खेल बदल दिया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 01:09 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 01:09 PM (IST)
Srinagar Municipal Corporation: श्रीनगर डिप्टी मेयर की कुर्सी से नौ कदम दूर रह गई भाजपा, निर्दलीय कारपोरेटर परवेज चुने गए
Srinagar Municipal Corporation: श्रीनगर डिप्टी मेयर की कुर्सी से नौ कदम दूर रह गई भाजपा, निर्दलीय कारपोरेटर परवेज चुने गए

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। निर्दलीयों के सहारे श्रीनगर नगर निगम में कब्जा जमाने की जुगत भिड़ा रही भाजपा को डिप्टी मेयर की कुर्सी भी नहीं मिली। चुनाव में वह करीब आकर हार गई। सोमवार को हुए चुनाव में निर्दलीय कापरेरेटर परवेज कादरी डिप्टी मेयर चुन लिए गए। उन्होंने भाजपा के श्रीनगर प्रधान एवं कार्पाेरेटर आरिफ मजीद पंपोरी को नौ वोटों से हरा दिया। पिछले साल दिसंबर में 70 में से 47 विधायकों द्वारा अविश्वासमत लाए जाने पर तत्कालीन डिप्टी मेयर शेख इमरान ने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके खिलाफ 26 दिसंबर को अविश्वासमत पर मतदान हुआ था। तब से यह पद खाली था।

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डिप्टी मेयर पद के लिए गत सोमवार को चुनाव हुआ। भाजपा के आरिफ, कांग्रेस के नकुल मट्ट, निर्दलीय सईद मोहम्मद हसन और परवेज कादरी ने डिप्टी मेयर के लिए नामांकन किया था। सुबह कांफ्रेंस हॉल में मतदान हुआ। मतगणना में निर्दलीय परवेज कादरी को 33 और आरिफ को 24 वोट मिले। नकुल मट्ट के हिस्से में सात वोट आए, जबकि मोहम्मद हसन को एक भी वोट भी नहीं मिला। वोटिंग के समय मोहम्मद हसन खुद भी सदन में मौजूद नहीं थे। चार वोट अवैध पाए गए। पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान भी वोट डालने नहीं पहुंच सके। भाजपा गत नवंबर से ही श्रीनगर नगर निगम में फेरबदल करने की तैयारी में जुटी हुई है। श्रीनगर के मेयर जुनैद मट्ट और पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान दोनों का संबंध पीपुल्स कांफ्रेंस से है।

शेख इमरान ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वह कांग्रेस के सहयोग से डिप्टी मेयर बने थे। वह इसी साल पीपुल्स कांफ्रेंस में शामिल हुए हैं। जुनैद मट्ट को श्रीनगर का मेयर बनाने में भाजपा का पूरा साथ रहा है, लेकिन पांच अगस्त 2019 के बाद से भाजपा और पीपुल्स कांफ्रेंस के रिश्तों में बहुत बदलाव आया है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लेकर पीपुल्स कांफ्रेंस ने जिस तरह से नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी का साथ दिया है, उसे देखते हुए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी सज्जाद गनी लोन से नाराज है। भाजपा इस समय पीपुल्स कांफ्रेंस केा मजा चखाने के साथ ही श्रीनगर नगर निगम पर कब्जा करने के मूड में हैं।

मट्ट ने अचानक श्रीनगर पहुंचकर भाजपा का बदल दिया खेल

दिसंबर में भाजपा ने मेयर और डिप्टी मेयर को अपदस्थ करने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन जुनैद मट्ट ने अचानक मुंबई से श्रीनगर पहुंचकर कर खेल बदल दिया। 23 दिसंबर को डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वासमत लाया गया, लेकिन यह भाजपा की तरफ से नहीं था। यह जुनैद मट्ट के समर्थन पर निर्दलीय कार्पाेरेटरों ने लाया था। डिप्टी मेयर शेख इमरान को अपना पद छोडऩा पड़ा था। मट्ट की सर्जिकल स्ट्राइक से आहत भाजपा ने 40 कार्पाेरेटरों के हस्ताक्षरों पर आधारित एक अविश्वासमत मेयर के खिलाफ भी दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में लाया था। मट्ट ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले 12 कापरेरेटरों के साथ दावा किया कि उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं और भाजपा अपने मिशन में नाकाम रही।


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