जम्मू कश्मीर में कोरोना की चुनौतियों के बावजूद जीएसटी में हुई बढ़ोतरी, जानें ऐसा कैसे हुआ
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2020-21 में जीएसटी के राजस्व वसूली कोरोना की चुनौतियों के बावजूद बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल मई और जून में लॉकडाउन के बावजूद जीएसटी में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020- 21 में जीएसटी 4890. 35 करोड़ रहा है
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2020-21 में जीएसटी के राजस्व वसूली कोरोना की चुनौतियों के बावजूद बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष अप्रैल, मई और जून में लॉकडाउन के बावजूद जीएसटी में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020- 21 में जीएसटी 4890. 35 करोड़ रहा है जबकि 2019-20 में यह 4750. 60 करोड़ था। इससे पता चलता है कि 2.94 फीसद की बढ़ाेतरी हुई है।
कोरोना के बावजूद एक्साइज राजस्व वसूली 2020-21 में 5. 36 फीसद की वृद्धि हुई है और वर्ष 2020 में एक्साइज राजस्व की वसूली 1353.43 करोड़ रही है। वित्तीय प्रणाली में बदलाव यह है कि ट्रैजिरयों के जरिए निर्धारित समय पर पेमेंट की जा रही है। पेमेंट में सुधार लाया गया है और पेमेंट जारी करने में देरी नहीं की जा रही है।
जम्मू कश्मीर सरकार ने वर्ष 2020-21 में नकद लेन देन को शामिल किए बिना इलेक्ट्रॉनिक मोड से पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा दिया है। इससे पारदर्शिता आई है और समय बचा है। सरकारी बिजनेस में जवाबदेही तय हुई है। विभिन्न योजनाओं के लिए अस्सी लाख लाभांवितों को सीधे खाते में धनराशि दी गई है। सीधे खातों में धनराशि का सिस्टम लागू करने से पीडीएस में ही दो लाख फर्जी मामलों को बाहर निकाला गया। वहीं साढ़े चार लाख चुपचाप बैठे लाभांवितों को निष्क्रिय किया गया।
उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले साल 1353 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज जारी किया गया था। जिसमें पांच फीसद ब्याज माफ करके 3.44 लाख लोगों को 750 करोड़ का फायदा किया गया। इससे बिजनेस को बहाल करने में मदद मिली। साल 2014 के बाढ़ प्रभावित लोगों 4542 लोगों का 37.32 करोड़ रुपये का पांच फीसद ब्याज माफ किया गया। बिजनेस ब्याज राहत योजना के तहत 20228 लोगों को 102.31 करोड़ की राहत दी गई। युवाओं को सशक्त बनाने के लिए मुमकिन योजना लांच की गई थी इसने जम्मू कश्मीर के युवाओं को जीने की राह दिखाई और इसका मकसद था यह सब्सिडी पर छोटे व्यवसायिक वाहन युवाओं को दिए जाएं।
बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत 4000 अधिकारियों ने पंचायतों में रात दिन बिताई जिसका मकसद यह था कि लोगों को सुशासन दिया जाए। बैक टू विलेज के पहले और दूसरे कार्यक्रम में 4000 प्रोजेक्ट पूरे किए गए। बैक टू विलेज के तीसरे चरण में हर पंचायत को दस-दस लाख रुपये की धनराशि दी गई। बैक टू विलेज के तीसरे कार्यक्रम में बीस हजार रुपये की स्पोर्ट्स किट हर ग्राम पंचायत को दी गई। 20 हजार युवाओं को बैंक से मदद के लिए चुना गया है । वित्त विभाग ने मेरा शहर मेरा गौरव के शहरों में विकास के लिए 57 करोड़ जारी किए हैं।