Ladakh Union Territory: नए संक्रमण को रोक लद्दाख ने दिखाई राह, 12 दिन से कोई नया मामला नहीं
लद्दाख में मामले आने के बाद हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से यह केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह से कट हो गया। बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लद्दाख राजमार्ग पहले से ही बंद है।
जम्मू, रोहित जंडियाल। मात्र 2.74 लाख की जनसंख्या वाले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख ने कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले रोक कर राह दिखाई है। पूर्व में संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए एक-एक व्यक्ति को ढूंढ कर उसक जांच की। पिछले 12 दिन में यहां कोई नया मामला नहीं आया। लद्दाख में जितनी तेजी से कोरोना वायरस के मामले आए थे, उतनी ही तेजी से इन पर काबू पाने के लिए काम भी किया गया। लेकिन यह आसान नहीं है। इन दुर्गम पहाड़ों को पूरी तरह से संक्रमण रहित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा प्रशासन को भी पसीना बहाना पड़ रहा है। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि बारह दिन से एक भी मामला नहीं आया है। हालांकि यहां पर अभी खतरा टला नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में नौ मार्च को पहला मामला दर्ज हुआ था लेकिन इसके बाद लद्दाख में एक के बाद एक तेरह मामले दर्ज हो गए। इसने पूरे प्रशासन की नींद उड़ा दी। मामले विदेश यात्र कर लौटे लोगों के कारण दर्ज हुए। पहला मामला आते ही लद्दाख ने सबसे पहला काम एयरपोर्ट पर सभी की स्क्रीनिंग शुरू करके किया। जिस गांव चशोत में मामला आया, उसको सील कर दिया। पूरे गांव के लोगों को क्वारंटाइन किया। इसके बाद कारगिल के गांव संकु में मामला आया तो प्रशासन ने इसको भी सील कर दिया। लद्दाख प्रशासन के लिए चुनौती थी कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाएं। इसके लिए उन्होंने जिस जहाज से यह लोग आए थे, उनके संपर्क में आए लोगों को ढूंढा। लद्दाख में स्वास्थ्य विभाग के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि यह आसान नहीं था। यहां गांव कई किलोमीटर दूर हैं। इसके लिए विभाग की टीमों ने अच्छा काम किय। सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। अभी भी संदिग्धों की जा रही है। दो गांव को क्वारंटाइन में रखा गया है और उन पर भी पूरी नजर रखी जा रही है।
सड़क व हवाई मार्ग बंदर: लद्दाख में मामले आने के बाद हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से यह केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह से कट हो गया। बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लद्दाख राजमार्ग पहले से ही बंद है। वहीं हवाई मार्ग से भी लद्दाख ने अपने आप को समय पर कट कर दिया था। लद्दाख में विदेशी पर्यटक हजारों की संख्या में आते हैं लेकिन अभी पर्यटन सीजन शुरू नहीं हो पाया था। अभी बहुत कम पर्यटक लद्दाख में थे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर पर्यटक अधिक होते तो शायद हालात से निपटना मुश्किल होता।
लोग जागरूक हैं : लद्दाख में एक अच्छी बात यह है कि यहां पर जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है। अधिक क्षेत्रफल होने के बावजूद जनसंख्या कम है। लोग जागरूक हैं। पल्स पोलियो अभियान के दौरान लेह और कारगिल दो ऐसे क्षेत्र थे जहां पर सबसे जल्दी शत-प्रतिशत लोग अपने बच्चों को वैक्सीन पिलाते हैं। यही नहीं यहां के स्वास्थ्य कर्मचारी टीकाकरण के लिए बर्फ से ढके पहाड़ों की परवाह किए बगैर अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं।
अभी खतरा टला नहीं : लद्दाख में बारह दिनों से कोई भी मामला सामने नहीं आया है लेकिन अभी खतरा टला नहीं है। अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनमें संक्रमण की आशंका बनी हुई है। यही नहीं अगर फिर से हवाई मार्ग खुलता है तो भी यहां पर बाहर से लोग आएंगे। दूरदराज के क्षेत्र होने के कारण अभी सभी लोगों के पास विभाग पहुंच भी नहीं पाया है
वायरस से निपटने की तैयारी : लद्दाख के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त सचिव रिगजिन सैंफल का कहना है कि लेह और कारगिल दोनों ही क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं किो मजबूत बनाया जा रहा है। इसके लिए सौ वेंटीलेटर लिए जा रहे हैं। दोनों जगहों पर अस्पतालों में पचास-पचास वेंटीलेटर लगाए जाएंगे। वहीं अस्पतालों में आइसोलेशन की सुविधा बनाई गई है। क्वारंटाइन केंद्र भी बनाए गए हैं। लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।