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श्रीनगर : लोक निर्माण विभाग में करीब 12 वर्ष से गैर हाजिर महिला जूनियर इंजीनियर सेवामुक्त

आसमा वली ने नौकरी पर रिपोर्ट नहीं किया और न दोबारा किसी तरह की जानकारी दी। आठ दिसंबर को उसके संबधित वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी निरंतर गैर हाजिरी की दोबारा पुष्टि करते हुए बताया कि उसका कोई अता पता नहीं मिल रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 08:31 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 08:31 AM (IST)
श्रीनगर : लोक निर्माण विभाग में करीब 12 वर्ष से गैर हाजिर महिला जूनियर इंजीनियर सेवामुक्त
उसने सात दिसंबर 2009 से 26 जनवरी 2010 तक 51 दिन का अर्जित अवकाश प्राप्त किया।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने गैर हाजिर रहने वाले और लापरवाह अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शुक्रवार काे एक महिला जूनियर इंजीनियर की सेवाओं को समाप्त कर दिया है। यह महिला जूनियर इंजीनियर लोक निर्माण विभाग में नियुक्त थी और करीब 12 वर्ष से गैर हाजिर थी।

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सेवामुक्त की गई इस महिला जूनियर इंजीनियर का नाम आसमा वली है। वह सात मार्च 2007 को नियुक्त हुई थी और उसने 20 मार्च 2007 को डयूटी पर रिपोर्ट किया था। इसके बाद 11 जुलाई 2007 को उसे पांपोर स्थित डिप्टी डायरेक्टर स्टोर्स प्रोक्यूरमेंट के कार्यालय में स्थानांतरित किया गया। उसे पांपोर में 18 जुलाई 2007 को कार्यभार संभाला।

पांपोर में कार्यभार संभालने के चंद दिन बाद पहली अगस्त 2007 को उसने 28 जनवरी 2008 तक 181 दिन के विशेष अवैतनिक अवकाश का आग्रह किया। उसे यह अवकाश प्रदान किया गया। इसके बाद उसने 135 दिन के लिए 24 अप्रैल 2008 को प्रसूति अवकाश के लिए आवेदन किया। उसका यह आवेदन भी स्वीकार किया गया। इसके बाद उसने सात दिसंबर 2009 से 26 जनवरी 2010 तक 51 दिन का अर्जित अवकाश प्राप्त किया।

आसमा वली को 27 जनवरी 2010 को डयूटी पर रिपोर्ट करना था,लेकिन वह उसने ऐसा नहीं किया और बिना अनुमति के गैर हाजिर हो गई। उसे बार बार नोटिस भेजकर , विभिन्न माध्यमों से सूचित कर , डयूटी पर रिपोर्ट करने और अपना कार्यभार ग्रहण करने को कहा गया,लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जब वह किसी भी तरह से नौकरी पर नहीं लौटी तो फिर 23 मई 2019 को उसके खिलाफ समाचारपत्रों में एक नोटिस जारी किया गया और उसे 21 दिन के भीतर डयूटी पर हाजिर होने और अपना पक्ष रखने को कहा।

इस नोटिस के प्रकाशित होने के बाद 28 मई 2019 को आसमा वली ने डिप्टी डायरेक्टर स्टोर्स प्रोक्यूरमेट के कार्यालय में अपना एक लिखित जवाब भेजा। करीब 10 साल बाद उसने अपने विभाग के साथ यह पहला संपर्क किया था। इसमें उसने बताया कि उसके पति को जम्मू कश्मीर में नौकरी नहीं मिली और उसे विदेश में नौकरी करने के लिए जाना पड़ा। ऐसे हालात में उसे ही यहां अपने सास-ससुर की देखभाल करने के साथ-साथ अपने बच्चों को संभालना पड़ता है। वादी का माहौल ऐसा नहीं है कि मैं अपने बच्चों को उनके बुजुर्ग दादा दादी के सहारे छोड़ सकूं, इसलिए मुझे अपने पति के साथ विदेश में जाना पड़ रहा है। ऐसे हालात में मैं जल्द ही अपनी नाैकरी के लिए रिपोर्ट करने में असमर्थ हूं।

संबधित अधिकारियों ने बताया कि आसमा वली ने नौकरी पर रिपोर्ट नहीं किया और न दोबारा किसी तरह की जानकारी दी। आठ दिसंबर को उसके संबधित वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी निरंतर गैर हाजिरी की दोबारा पुष्टि करते हुए बताया कि उसका कोई अता पता नहीं मिल रहा है। इसके अलावा उसने अपनी गैर हाजिरी के लिए जो स्पष्टीकरण दिया था, वह भी असंतोषजनक था। सभी संबधित नियमों और हालात की समीक्षा करने के बाद संबधित अधिकारियों ने पाया कि वह सरकारी नौकरी करने की इच्छुक नहीं है। सेवा नियमों के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई। उन्होंने बताया कि आसमा वली की सेवाएं 27 जनवरी 2010 से समाप्त मानी जाएंगी।


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