Union Territory Ladakh : लद्दाख के खुशगवार माहौल में परिंदो की चहचहाहट भी बढ़ रही
Birds In Ladakh वहीं 150 के करीब पक्षियों की प्रजातियां सर्दियों में लद्दाख तिब्बत व मध्य एशिया के अत्याधिक ठंडे इलाकों से पलायन के दौरान लद्दाख में सफर की थकान मिटाने के बाद कम ठंडे इलाकों में चली जाती हैं।
जम्मू, विवेक सिंह : लद्दाख के खुशगवार माहौल में परिंदो की चहचहाहट भी बढ़ रही है। लेह के हानले में क्षेत्र में पहली बार पक्षियों की तीन नई प्रजातियां मेहमान बनकर आई हैं। वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन एंड बर्ड आफ लद्दाख की टीम ने लेह के दूरदराज हानले इलाके में इस हफ्ते तीन दिन के सर्वे किया है। पक्षी प्रेमी सोनम छोलडान के नेतृत्व में किए गए इस सर्वे में पाया गया है कि लद्दाख की रौनक बढ़ाने के लिए इस बार तीन नई प्रजातियों के पक्षी आए हैं। इनमें ब्लिथस पिपिट (Anthus Godlewski), आशी दोरोंगा (Dicrurus Leucophaeus) व ब्रुक्स लीफ बाबलर शामिल हैं। गर्म इलाकों के ये तीनों पक्षी इसके पहले लद्दाख में नहीं देखे गए। इस सर्वे में हानले व इसके आसपास के इलाके में टीम ने 85 प्रजातियों के पक्षियों की मौजूदगी दर्ज की है। हानले के पास दलदल वाला क्षेत्र गर्मियों में पक्षियों का ठिकाना है। सभी मेहमान गर्म प्रदेशों से उड़ान भर कर लद्दाख पहुंचे हैं।
अत्याधिक ठंडे प्रदेश लद्दाख में 375 के करीब प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। इनमें से 31 को छोड़कर बाकी सभी लद्दाख की मेहमानबाजी का लुत्फ उठाने के बाद लौट जाते हैं। यह कहना है नए पक्षियों का सर्वे करने वाले पक्षी प्रेमी सोनम छोलडान का। उन्होंने बताया कि इस बार सर्वे के दौरान पाए गए 3 नए किस्मों के परिंदे उत्तर भारत के मैदानी इलाकों से आए हैं। गर्मी बिताकर वे लौट जाते हैं। सोनम ने बताया कि हानले में आने वाले 85 प्रजातियों के पक्षियों में से तीस के करीब प्रजातियों के पक्षी मध्य एशिया से आते हैं। इसके साथ क्षेत्र में पांच ऐसे भी पक्षी भी हैं जो सर्दी में भी यहां पहुंचते हैं।
गर्मियों में लद्दाख आखे हैं 109 प्रजातियाें के पक्षी, सफर के दौरान रुकती हैं 150 प्रजातियां : जम्मू, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में गर्मियों के महीनों में 109 पक्षियों की प्रजातियां झीलों व दलदलीय इलाकों में रहने के लिए आती हैं। वहीं 150 के करीब पक्षियों की प्रजातियां सर्दियों में लद्दाख, तिब्बत व मध्य एशिया के अत्याधिक ठंडे इलाकों से पलायन के दौरान लद्दाख में सफर की थकान मिटाने के बाद कम ठंडे इलाकों में चली जाती हैं। वहीं पक्षियों की सोलह प्रजातियां सर्दियों के दाैरान पलायन कर लद्दाख आती हैं। वहीं पक्षियों की 31 प्रजातियां पूरा साल लद्दाख में रहती हैं। यह सर्वे वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन एंड बर्ड आफ लद्दाख की टीम ने किया है।
नए लद्दाख में पक्षियों को भी मिल रही नई पहचान : केंद्र शासित प्रदेश की खूबसूरती को चार चांद लगाने वाले पक्षियों को भी नई पहचान मिल रही है। देश में सिर्फ लद्दाख में ही पाए जाने वाले काली गर्दन वाले सारस (ब्लैक नेक्ड क्रेन) को गत दिनों लद्दाख का राजकीय पक्षी घोषित किया गया है। यहां के अधिकतर पक्षी अधिक ठंड होने पर अन्य इलाकों में चले जाते हैं। लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने की मुहिम के बीच पक्षियों व पशुओं के संरक्षण को भी इस समय बड़ी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। लद्दाख के परिंदों को देखने के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में देश, विदेश के पक्षी प्रेमी पहुंचते हैं।