Jammu : रेलवे स्टेशन में सुरक्षाबलों का सर्च आपरेशन जारी, विस्फोटक-18 डेटोनेटर मिलने के बाद सतर्कता बढ़ाई
6 अगस्त 2001 को जम्मू रेलवे स्टेशन में पहला आतंकी हमला हुआ था जिसमें 10 लाेगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कुछ वर्ष तक जम्मू रेलवे स्टेशन में शांति रहने के बाद 2 जनवरी 2004 को जम्मू रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर से आतंकी हमला हुआ था।
जम्मू, जेएनएन : जम्मू रेलवे स्टेशन के पास गत वीरवार को विस्फोटक और 18 डेटोनेटर मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने आज शुक्रवार सुबह से आसपास के इलाकों में सर्च आपरेशन चलाया हुआ है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि रेलवे स्टेशन या फिर ट्रैक के नजदीक आतंकवादियों ने और विस्फोटक न छिपाया हो। इस सर्च आपरेशन में रेलवे पुलिस, अर्द्धसैनिक बल व सेना के जवान शामिल किए गए हैं।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुबह से चल रहे इस सर्च आपरेशन में फिलहाल किसी भी संदिग्ध वस्तु मिलने की सूचना नहीं है। आपको बता दें कि जम्मू रेलवे स्टेशन लंबे समय से आतंकियों के निशाने पर रहा है। रेलवे स्टेशन में दो बड़े आतकी हमले हो चुके है। इसके अलावा स्टेशन परिसर व उसके आसपास से ग्रेनेड व हथियार भी बरामद होते रहे है। यही कारण है कि जम्मू रेलवे स्टेशन को सुरक्षा के लिहाज से देश के सबसे संवेदनशील रेलवे स्टेशनों में शामिल किसी जाता है। जिसके वहां सुरक्षा के भारी भरकम बंदोबस्त रहते है।
2001 में हुआ था पहली आतंकी हमला : 6 अगस्त 2001 को जम्मू रेलवे स्टेशन में पहला आतंकी हमला हुआ था जिसमें 10 लाेगों की मौत हो गई थी। इसके बाद कुछ वर्ष तक जम्मू रेलवे स्टेशन में शांति रहने के बाद 2 जनवरी 2004 को जम्मू रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर से आतंकी हमला हुआ था। जिसमें सेना के लेफ्टिनेंट त्रिवेणी सिंह सहित चार सुरक्षा कर्मी बलिदान हो गए थे। इन हमलों से रेलवे प्रबंधन तथा सुरक्षा एजेंसियों ने सीख लेते हुए जम्मू रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने वाले यात्रियों की गहनता से जांच करने के लिए आधुनिक उपकरण लगाए थे, जो समय के साथ खराब भी होते गए।
कभी भी ढाया जा सकता है रेलवे का सुरक्षा किला : रेलवे स्टेशन में सुरक्षा बंदोबस्त के पुख्ता होने के चाहे लंबे चौड़े दावे किया जाते है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि स्टेशन पर अवैध तरीके से प्रवेश करने के लिए कई रास्ते हैं, जिनका प्रयोग कर आतंकी तबाही मचा सकते हैं। स्टेशन की बाहरी सीमा पर चहारदीवारी करने की बजाए लोहे की कंटीली तार लगाई गई हैं, इनमें से आसानी से आतंकी स्टेशन में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन के सामने इंडियन आयल कारपोरेशन के सामने से रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार से कोई भी आ तथा रेलवे स्टेशन से निकल सकता है। वहीं, स्टेशन से लगती त्रिकुटा नगर की मुख्य खड्ड भी पूरी तरह से खुली हुई है। आतंकी या शरारती तत्व इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।