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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की आई शामत, 28 दिनों में 17 को मारा, 10 को जिंदा पकड़ा

जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में हम जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने पर काम कर रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 05:25 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 05:25 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की आई शामत, 28 दिनों में 17 को मारा, 10 को जिंदा पकड़ा
जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की आई शामत, 28 दिनों में 17 को मारा, 10 को जिंदा पकड़ा

जम्मू, नवीन नवाज। बदल रहे जम्मू कश्मीर काे पूरी तरह आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए प्यार और प्रहार की नीति को पूरी तरह अमल में लाया जा रहा है। बीते 28 दिनों में छह मुठभेड़ों में 16 आतंकियों की मौत आैर 10 आतंंकियों के जिंदा पकड़े जाने की कहानी बता रही है कि सुरक्षाबल पूरी तरह अपने मूड में आ चुके हैं। गृह विभाग और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में हालात पहले से बेहतर हुए हैं।

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आतंकियों को पहले की तरह अब जनसमर्थन प्राप्त नहीं हैं। आतंकियों केा आम लोगों से पूरी तरह अलग-थलग करते हुए जम्मू कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त बनाने के लिए प्यार और प्रहार की रणनीति पर सुरक्षाबलों को अमल करने का सख्त निर्देश दिया गया है। इस साल जनवरी माह के दौरान वादी में आतंकियों के खिलाफ प्राप्त सफलता इसी रणनीति का नतीजा है। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ, सेना, विभिन्न खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच पूरे समन्वय के साथ इस रणनीति को अमल में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत सभी संबंधित एजेंसियां अपने-अपने स्तर पर अपने अपने कार्य अधिकार क्षेत्र में आतंकियों की प्रोफाइलिंग करते हुए उनकी गतिविधियों का एक डाटा तैयार करती हैं। इसके बाद उन्हें जिंदा पकड़ने और उन्हें सरेंडर के लिए तैयार करने की नीति पर काम किया जाता है। इसमें उनके अभिभावकों और मित्रों की मदद भी ली जा रही है। इसके साथ ही ग्राउंड इंटेलीजेंस नेटवर्क को मजबूत करते हुए उसे पूरी तरह क्रियाशील बनाया गया है।

आतंकियों के ठिकानों पर सुनियोजित तरीके से छापेमारी की जा रही है ताकि उन्हें किसी तरह से घेराबंदी तोड़ भागने का मौका न मिले और वह यथासंभव जिंदा मिलें। सिर्फ अपरिहार्य परिस्थितियों में ही उनके खिलाफ गोली चलायी जा रही है और वह भी तब जब आतंकी खुद इसकी शुरुआत करते हुए सरेंडर से इंकार कर दें। स्थानीय लोगों के साथ पूरा संवाद और समन्वय बनाए रखा जा रहा है। राज्य पुलिस में एसएसपी रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि प्यार-प्रहार की रणनीति को अमल में लाते हुए जिस तरह से ग्राउंड इंटेलीजेंस नेटवर्क को फिर से क्रियाशील बनाया गया है। उसके कारण ही इस बार गणतंत्र दिवस पर आतंकी कोई बड़ी वारदात नहीं कर पाए हैं।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर श्रीनगर और जम्मू प्रांत के विभिन्न इलाकों को विध्वंसकारी गतिविधियों की जरिए दहलाने के लिए आतंकियों पर सख्त दबाब बना रखा था। आतंकी और आईएसआई अपने मंसूबों में नाकाम रही हैं। उन्होंने बताया कि सात जनवरी को अवंतीपोर में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई पहली मुठभेड़ प्यार और प्रहार की रणनीति का पहला परिणाम थी। इसके बाद एक अन्य मुठभेड़ में हिज्ब कमांडर हमाद अपने तीन साथियों संग मारा गया। अवंतीपोरा और त्राल में दो अलग अलग अभियानों में दो आतंकी जिंदा पकड़े गए, कुलगाम में दो आतंकी जिंदा पकड़े गए, श्रीनगर में जैश के पांच आतंकी और बारामूला में लश्कर का एक आतंकी पकड़ा गया है।

जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में हम जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करने पर काम कर रहे हैं। इसके लिए हम विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे हैं। आतंकियों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से अभियान चलाए जा रहे हें। उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका असर भी हो रहा है। इस साल वादी में हमारे आतंकरोधी अभियान पूरी तरह सफल रहे हैं। नवीद बाबू जैसा खूंखार आतंकी समेत 10 आतंकी पकड़े जा चुके हैं। कारी यासिर ,सैफुल्ला और हमाद समेत 16 आतंकी मारे जा चुके हैं। चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों ने कहा कि आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ हमारे अभियान लगातार जारी रहेंगे।

आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करना ही हमारा लक्ष्य है। हम आम अवाम के साथ मिलकर जेहादी तत्वों को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाते हैं। स्थानीय युवकों को आतंकवाद के रास्ते से वापस लाने में जुटे हैं। इसका असर भी हो रहा है। बहुत से लड़के मुख्यधारा में लौटे हैं।


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