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जम्मू-कश्मीर में पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर में 4 अंक की गिरावट दर्ज

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समर्थन से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नवजात देखभाल हस्तक्षेपों के माध्यम से प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक नवजात देखभाल प्रदान करने के लिए प्रयास किए हैं।जम्मू कश्मीर ने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य भलाई के सतत विकास लक्ष्यों में बेहतर प्रदर्शन दिखाया है।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Mon, 26 Sep 2022 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 09:35 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर में पांच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर में 4 अंक की गिरावट दर्ज
सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक नवजात देखभाल प्रदान करने के लिए प्रयास किए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से संबंधित कई संकेतकों में ‘उल्लेखनीय सुधार‘ हासिल किया है। एक ही वर्ष में पांच वर्ष से कम आयु में मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्मों पर 21 से घटकर 17 अंक हो गई है। नवजात मृत्यु दर 15 से 12 हो गई है। प्रारंभिक नवजात मृत्यु दर 10 से 08 हो गई है और जन्म के समय लिंग अनुपात 918 से बढ़कर 921 हो गया है।

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आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर ने वैश्विक लक्ष्य से बहुत पहले ही पांच वर्ष से कम आयु के मृत्यु दर को 25 प्रति 1000 जीवित जन्म से कम करने का वैश्विक लक्ष्य हासिल कर लिया है। जम्मू और कश्मीर ने लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के सतत विकास लक्ष्यों में बेहतर प्रदर्शन दिखाया है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के समर्थन से स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नवजात देखभाल हस्तक्षेपों के माध्यम से प्रदेश में सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक नवजात देखभाल प्रदान करने के लिए प्रयास किए हैं।

स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और एनआईपीआई के समर्थन से कार्य योजना तैयार की। इससे जम्मू-कश्मीर में आईएमआर को एक अंक में कम करने के लिए मदद मिली। यह कार्य योजना सभी स्तरों पर कार्यान्वित की जा रही है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सुदृढ़ कर शिशु मृत्यु दर को समुदाय आधारित और सुविधा आधारित हस्तक्षेपों से कम कर रही है। इसके अलावा इमरजेंसी कोविड रेस्पांस पैकेज के तहत पर्याप्त बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा है जो लंबे समय में प्रदेश में विभिन्न स्वास्थ्य संकेतकों को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।

स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव भूपिंदर कुमार ने डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, आशा कार्यकर्ताओं और कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जम्मू-कश्मीर, राजकीय मेडिकल कॉलेजों, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, परिवार कल्याण, आयुष के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने राज्य में मातृ एवं नवजात शिशु देखभाल में सुधार के लिए अपने निरंतर प्रयासों से महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

उन्होंने भविष्य में बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासों पर जोर दिया ताकि आने वाले वर्षों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में और सुधार किया जा सके।


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