Jammu Smart City : अब शहर में शुरू होगी हाउस नंबरिंग, हर संपत्ति का होगा डिजिटल रिकार्ड
Jammu Smart City वर्ष 2007-08 में जम्मू नगर निगम के जनरल हाउस ने शहर में हाउस नंबरिंग के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। तब इस प्रोजेक्ट के लिए 65 लाख रुपये भी निर्धारित किए गए थे। उस समय प्रत्येक नंबर प्लेट 350 रुपये खर्च आने का अनुमान था।
जम्मू, अंचल सिंह : जम्मू स्मार्ट सिटी के अंतर्गत जम्मू नगर निगम अधीनस्थ क्षेत्रों में आने वाली आवासीय और वाणिज्यिक संपत्ति के पते को डिजिटल करने की तैयारी है। कुछेक दिनों में इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और अधिकारी घर-घर पहुंच कर डाटा जुटाने के काम में जुट जाएंगे।
जम्मू नगर निगम के सहयोग से जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस परियोजना को पूरी करने जा रही है। इस परियोजना के तहत नगर निगम अधीनस्थ आने वाले सभी 75 वार्डों में सभी संपत्तितयों को जीआईएस में जियो-टैग किया जाएगा और प्रत्येक संपत्ति के लिए एक विशिष्ट संपत्ति पहचान संख्या के साथ एक क्यूआर कोड आधारित डिजिटल पता, नंबर प्लेट आवांटित किया जाएगा। डिजिटल संपत्ति, हाउस नंबर के प्रावधान के अलावा, संपत्ति रिकार्ड के डिटिटाइजेशन से पारदर्शी संपत्ति रिकार्ड प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।
शहर के सभी नगर निगम वार्डों में जल्द ही संपत्तियों को डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया जाएगा जिसमें अधिकारियों की टीम सर्वेक्षण और डेटा संग्रह के लिए नगर निगम के अधीन सभी परिसरों का दौरा करेगी। इस अभ्यास की सफलता निवासियों, संपत्ति मालिकों और उनके संबंधित नगरपालिका प्रतिनिधियों, कारपोरेटरों के सहयोग पर निर्भर करती है।
इस संबंध में जम्मू नगर निगम व जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने सभी निवासियों और संपत्ति मालिकों से अपील की है कि वे तहेदिल से सहयोग करें और आने वाले अधिकारियों के साथ आवश्यक जानकारी साझा करें। आने वाले अधिकारियों के पास जम्मू नगर निगम, जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा जारी पहचान पत्र होना चाहिए। निवासी, संपत्ति मालिक कोई भी जानकरी साझा करने से पहले अपने परिसर में आने वाली टीम की प्रमाणिकता की पुष्टि कर लें।
हर संपत्ति का होगा एक नंबर : हर घर की तरह ही हर दुकान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान के लिए भी एक नंबर जारी किया जाएगा। इसे नंबर प्लेट के रूप में संपत्ति के बाहर प्रदर्शित करना होगा। अलबत्ता चौक, चाैराहों, मुहल्लों में गलियों की नंबरिंग के साथ एक प्लेट लगा दी जाएगी। इस प्लेट में गली में कितने नंबर तक मकान हैं, की जानकारी रहेगी। मुहल्ले के बाहर खड़े होकर ही पता चल जाएगा कि कौन सी गली में जाना है।
2007-08 में पारित हुआ था प्रस्ताव : वर्ष 2007-08 में जम्मू नगर निगम के जनरल हाउस ने शहर में हाउस नंबरिंग के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। तब इस प्रोजेक्ट के लिए 65 लाख रुपये भी निर्धारित किए गए थे। उस समय प्रत्येक नंबर प्लेट 350 रुपये खर्च आने का अनुमान था। ईरा को यह प्रोजेक्ट को सौंपा गया था। ईरा ने जियोग्राफिकल इंफॉरमेशन सिस्टम मैपिंग भी करवाई थी। हर घर में यह नंबर प्लेट लगानी थी परंतु प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ा। अब जम्मू स्मार्ट सिटी में इस प्रोजेक्ट को रखा गया है।
यह होंगे फायदे
- किसी को भी मकान तलाशने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पहले तो चौक में खड़े होकर जानकारी मिल जाएगी और फिर मुहल्ले की गली में पहुंच कर पता चल जाएगा कि कौन से नंबर का घर कहां है।
- पत्र, कोरियर व डाक सहित अन्य चीजों को पहुंचाने वालों को नहीं होगी कोई दिक्कत।
- नगर निगम समेत सभी विभागों को भी होगी सुविधा। ऑनलाइन जानकारी रहेगी।
- बिजली, पानी, फोन बिल भी आराम से घर पहुंच पाएंगे।
- शहर के सभी घरों की जानकारी आनलाइन भी होगी उपलब्ध।
- जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2001 की जनगणना में 1551768 घर थे जिनमें वर्ष 2011 तक 36.60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और इनकी सुंख्या 2119718 हो गई। वहीं जम्मू शहर में वर्ष 2011 में 71 वार्ड थे और यहां 117449 मकान थे व 576297 आबादी थी। अब शहर में 75 वार्ड हो गए हैं और मकानों की संख्या दो लाख से ऊपर बताई जा रही है। संपत्ति को डिजिटल करने के बाद सही आंकड़े सामने आएंगे।
‘हाउस नंबरिंग का प्रोजेक्ट वर्षों से विचाराधीन था। अब जम्मू स्मार्ट सिटी के तहत प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। कुछेक दिनों में लोगों के घरों में सर्वे के लिए टीमें पहुंचने लगेंगी। लोग सहयोग करें और विस्तृत जानकारी दीें। वो एक फार्म भरेंगे जिसमें जानकारियां जुटाई जाएंगी। लोग सहयोग करें। आने वाले समय में सारा डाटा जुट जाएगा और फिर निगम की तरफ से एक नंबर जारी कर दिया जाएगा।’ -चंद्र मोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू नगर निगम