अब जम्मू कश्मीर में सब 'भारतीय' , दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को कोई नहीं कहेगा बाहरी
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ इमरान मीर ने कहा कि मैं कई ऐसे लोगों को जानता हूं जिन्हें यहा रहते हुए 40-50 साल हो चुके हैं जिनके बच्चे यहीं पैदा हुए और बड़े हुए लेकिन इसलिए चले गए क्योंकि वह यहा अपना मकान नहीं बना सकते थे।
जेएनएन, जम्मू/श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में अब कोई यह नहीं कह सकेगा कि आप दूसरे राज्य के हैं। अब यहां सभी भारतीय होंगे। दूसरे राज्य का कहकर किसी की अवहेलना नहीं की जा सकेगी। जम्मू कश्मीर में भूमि स्वामित्व कानूनों में संशोधन के बाद अब किसी को भी दूसरे राज्य का कहकर बसने से वंचित नहीं किया जा सकेगा। उन्हें खुद की जमीन पर कारोबार करने से रोका नहीं जा सकेगा। भले ही उसके पास जम्मू कश्मीर का डोमिसाइल न हो।
कश्मीर मामलों के विशेषज्ञ इमरान मीर ने कहा कि मैं कई ऐसे लोगों को जानता हूं जिन्हें यहा रहते हुए 40-50 साल हो चुके हैं, जिनके बच्चे यहीं पैदा हुए और बड़े हुए, लेकिन इसलिए चले गए क्योंकि वह यहा अपना मकान नहीं बना सकते थे। यह एक मूक पलायन है, जो अब रुकेगा। रोजगार के लिए आए लोग अब यहा स्थायी तौर पर बसने पर गंभीरता से सोचेंगे, जिसका सामाजिक और जनसाख्यिकी असर तय है। मीर कहते हैं कि कश्मीर में अब विभिन्न समुदायों, मजहबों और राज्यों के लोग बसेंगे तो उनकी संस्कृति सभ्यता भी कश्मीर के रंग में रंग जाएगी। निवेश बढ़ेगा तो आर्थिक तरक्की और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अब यहा कोई जम्मू कश्मीर का नागरिक नहीं होगा, सभी भारतीय होंगे। इसका दबाव आतंकवाद के पैरोकारों पर भी होगा, उनका मनोबल गिरेगा। इससे कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की प्रक्रिया भी गति पकड़ेगी और शायद उसकी जरूरत भी नहीं पड़े, क्योंकि जब यहा देश के अन्य भागों के लोग मकान बना रहे होंगे तो वह भी सरकार का मुंह देखने के बजाय अपनी जड़ों को तलाशने खुद ही आ जाएं। नया कानून जिहादी तत्वों के ताबूत में आखिरी कील
इकजुट जम्मू के अध्यक्ष एडवोकेट अंकुर शर्मा ने कहा कि नया कानून कश्मीर में जिहादी तत्वों के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। अब डोमिसाइल की कोई अहमियत नहीं रह गई है। कोई भी नागरिक अब यहा देश के अन्य भागों की तरह बेखौफ होकर रहेगा। खौफ तो उन लोगों में होगा जो मजहब विशेष की आड़ लेकर दूसरों में खौफ पैदा करते थे।
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एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बुनियादी मजबूत हुई: भाजपा
प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने कहा कि नए भूमि कानून से केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बुनियादी मजबूत की है। दूसरे राज्यों के लोगों के जम्मू कश्मीर में बसने से देश की एकता, अखंडता को बढ़ावा मिलेगा। इससे न सिर्फ व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, अपितु पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए भी अपार संभावनाएं पैदा होंगी। अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र सरकार उन सभी बाधाओं को दूर कर रही है जो प्रदेश में एकता, अखंडता की राह में बाधाएं बन रही थीं।
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कांग्रेस ने धोखा देने का आरोप लगाया
जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने से बाद विश्वास दिलाया गया था कि भूमि और नौकरियों के अधिकार सुरक्षित रखे जाएंगे, लेकिन अब बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। अब तो जम्मू कश्मीर में कोई भी जमीन खरीद सकेगा। भाजपा ने लोगों के साथ धोखा किया है। डोमिसाइल कानून लाकर सरकार पहले ही दूसरे राज्यों के लोगों के लिए नौकरियों के रास्ते खोल चुकी थी। अब दूसरे राज्यों के लोगों को भूमि खरीदने के अधिकार दे दिए हैं। भाजपा के इस फैसले पर कांग्रेस का संघर्ष तेज होगा। कांग्रेस भूमि और नौकरियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाते रहेगी।
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जम्मू कश्मीर बिक्री के लिए तैयार: उमर
नेशनल काफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर भूमि स्वामित्व संबंधी पुराने कानूनों को निरस्त किए जाने पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को बेचने के लिए रख दिया है। डोमिसाइल जैसे प्रमाणपत्र की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गई है। जम्मू कश्मीर के लोगों के पास पहले ही बहुत कम जमीन है, केंद्र के फैसले से उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी। भाजपा ने अवसरवादिता में सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जमीन के मालिकाना अधिकार संबंधी कानूनों में संशोधन की अधिसूचना लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनावों में भाजपा की जीत के साथ ही घोषित हुए हैं। लोगों को कमजोर करने की साजिश: महबूबा
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि नए कानून का मकसद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अधिकारों से वंचित करना है। अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर प्राकृतिक स्त्रोतों की लूट और अब जम्मू-कश्मीर की जमीन को खुली बिक्री के लिए पेश किया गया है, सब केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर व यहां के लोगों को पूरी तरह से कमजोर करने साजिश है। उन्होंने लिखा, लोगों को रोटी-रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर प्रत्येक मोर्चे पर नाकाम भाजपा अब ऐसे कानून सिर्फ मासूम मतदाताओं को गुमराह करने के लिए बना रही है। केंद्र सरकार के यह आपत्तिजनक कदम जम्मू कश्मीर के लोगों के एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता को और ज्यादा मजबूती प्रदान करते हैं। जनता पर बड़ा हमला: पीपुल्स एलायंस
पीपुल्स एलायंस के प्रवक्ता और पीपुल्स काफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा का बिग इस्टेट एबालिशन एक्ट पूरे भारतीय महाद्वीप में सबसे पहला और सबसे बड़ा कृषि सुधार था। इसे निरस्त करने का मतलब जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के लिए महाराजा के खिलाफ लड़ने वालों की कुर्बानिया का मजाक उड़ाना है। जम्मू कश्मीर के भूमि स्वामित्व संबंधी सभी कानूनों को निरस्त करना जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जनता पर एक बड़ा हमला है। यह असंवैधानिक है और इसके खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ा जाएगा। शहरी विकास अधिनियम में बदलाव और सिक्योरिटी जोन का सृजन जम्मू कश्मीर व लद्दाख के संवेदनशील भौगोलिक पारिस्थितिक संतुलन को भी तबाह कर देगा।