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Air Force Official Killing Case : यासीन मलिक के खिलाफ पेशी वारंट जारी, 22 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

यासीन को एनआइए की विशेष अदालत ने 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभी तक यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई हैं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा उस पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था।

By rahul sharmaEdited By: Rahul SharmaPublished: Wed, 23 Nov 2022 02:06 PM (IST)Updated: Wed, 23 Nov 2022 02:22 PM (IST)
Air Force Official Killing Case : यासीन मलिक के खिलाफ पेशी वारंट जारी, 22 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
यासीन मलिक को 22 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में पेश करने को कहा है।

जम्मू, जेएनएन : जम्मू की टाडा कोर्ट ने बुधवार को अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया है। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि 25 जनवरी 1990 को भारतीय वायु सैनिकों की हत्या के मामले में आज मलिक के कोर्ट में पेश न होने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए टाडा कोर्ट ने पेशी वारंट जारी करते हुए यासीन मलिक को 22 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई में पेश करने को कहा है। 

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आपको जानकारी हो कि 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर शहर में वायु सेना कर्मियों की हत्या की वारदात हुई थी। एक सुनियोजित याेजना के तहत श्रीनगर के रावलपोरा में मलिक और उसके अन्य साथियों ने स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित पांच भारतीय वायुसेना कर्मियों को कथित तौर पर मार दिया था। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने बताया कि यासीन मलिक ही पांच भारतीय वायुसेना कर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी है। 31 अगस्त 1990 को जम्मू में टाडा अदालत के समक्ष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उन्हें आरोपित साबित किया गया था। मलिक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया। इस समय मलिक तिहाड़ जेल में बंद है।

यासीन को एनआइए की विशेष अदालत ने इस साल 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभी तक यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई हैं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा उस पर 10 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था।

यही नहीं यासिन मलिक पर वायु सेना के अधिकारियों की हत्या के मामले के अलावा साल 1989 में पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी एवं महबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया सईद के अपहरण का मामला भी चल रहा है। इस मामले की 24 नवंबर यानी कल वीरवार को जम्मू के टाडा कोर्ट में ही सुनवाई होनी है। आपको बता दें कि 1989 में घर लौटते वक्त रूबिया का अपहरण कर लिया गया था। इसके बदले यासीन के संगठन ने पांच आतंकियों को छोड़ने की मांग रखी। सरकार ने इस मांग को मानते हुए पांचों आतंकियों को छोड़ दिया था, लेकिन इसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपा गया। सीबीआइ ने दोनों मामलों में आरोपपत्र दायर किया है। दोनों मामलों की सुनवाई जम्मू के टाडा कोर्ट में हो रही है।


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