गिलगित-बाल्तिस्तान से सेनाएं हटा इमरान जीतें नोबेल शांति पुरस्कार
राज्य ब्यूरो जम्मू पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ
राज्य ब्यूरो, जम्मू : पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक एवं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ कार्यकारी सदस्य प्रो. भीम सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को गुलाम कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान से सेनाएं हटा कर दृढ़़ संकल्प से शांति का नोबेल पुरस्कार जीत सकते हैं। भीम सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि हाल ही में फैसला करके भारतीय पायलट अभिनंदन को वापस भारत भेजकर शांति का इतिहास लिखा है, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप में पड़ोसी देशों भारत-पाकिस्तान में शांति स्थापित होगी। उन्होंने पाकिस्तान जेलों में बंद भारतीय कैदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि वह वर्षों से पाक के उच्चायोग को पाकिस्तानी कैदियों की कानूनी स्थिति के बारे लिख रहे हैं। पाकिस्तान सरकार से यह आग्रह किया था कि वह भारत के सभी नागरिकों को, जो पाकिस्तान जेलों में 1971 से आज तक जेलों में बंद हैं, उन्हें रिहा कर दिया जाए। उन्होंने उन भारतीय कैदियों के लिए पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट से भी उनके केस की कानूनी लड़ाई के लिए अनुरोध किया था। उन्होंने इमरान खान के इस निर्णय के लिए सराहना की, जिसने भारत-पाक को बड़े युद्ध से बचाया। कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गिलगित-बाल्तिस्तान (32000 वर्ग मील) के पाक अवैध कब्जा खाली करने में साहस दिखाए। 5 जनवरी, 1948 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा युद्धविराम के बाद नवंबर 1948 से पाकिस्तान के कब्जे में है। पैंथर्स सुप्रीमो ने कहा कि यह पाक सेना द्वारा गिलगित-बाल्तिस्तान पर सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का घोर उल्लंघन था, जो जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र थे। पाक प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पाकिस्तान को अपनी सभी सेनाओं और अवैध रूप से बसे व्यक्तियों को गिलगित-बाल्तिस्तान में सुरक्षा परिषद प्रस्ताव का पालन करने के लिए वापस लेना चाहिए। अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए 5500 वर्गमीटर के जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र के बारे में, पैंथर्स पार्टी सुप्रीमो ने पाक प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि पाकिस्तान को भी अपने सैन्य ठिकानों और सेना को उस क्षेत्र से वापस लेना चाहिए जो सुरक्षा परिषद द्वारा 5 जनवरी, 1948 के अपने प्रस्ताव में लिया निर्णय था। गुलाम कश्मीर से सेनाएं हटाकर इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार का वास्तविक दावेदार होना चाहिए। भारत-पाक को किसी भी अतीत या मौजूदा संघर्ष को सुलझाने के लिए बम, बंदूक या तलवार की जरूरत नहीं है। युद्ध आधुनिक युग में किसी भी संघर्ष को हल करने का कोई उपाय नहीं है, जो परमाणु हथियारों के नियंत्रण में है।