विदेशी मेहमानों के दौरे पर इल्तिजा बोलीं- बहुत बढ़िया
केंद्र सरकार कश्मीर में स्थानीय मीडिया को दबा रही है। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को पीएसए जैसे काले कानून के तहत बंदी बनाकर लोगों में डर पैदा किया जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने जम्मू कश्मीर के यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के दौरे पर तंज कसते हुए कहा, बहुत बढ़िया। किम जोंग जरूर इसी बनावटी कूटनीति पर फख्र करते। अगर इसमें कोई कमी है तो वह जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की गैर मौजूदगी। इल्तिजा ने अपनी मां महबूबा के ट्विटर हैंडल पर आगे लिखा, जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी इनमें शामिल होते तो मुझे यकीन है कि वह बहुत कुछ बताते।
अफगानिस्तान के भारत में राजदूत नईम ताहिर कादरी के एक ट्विट पर इल्तिजा ने लिखा, उम्मीद करती हूं कि आप और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि पांच अगस्त से कश्मीर में जारी इंटरनेट पाबंदी और कश्मीर को हुए आर्थिक नुकसान पर जरूर केंद्र सरकार से सवाल करोगे। केंद्र सरकार कश्मीर में स्थानीय मीडिया को दबा रही है। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को पीएसए जैसे काले कानून के तहत बंदी बनाकर लोगों में डर पैदा किया जा रहा है। सामान्य स्थिति तो सिर्फ एक दिखावा है। उन्होंने ताहिर कादिर से पूछा है, महामहिम क्या आप हम कश्मीरियों को बताएंगे कि आप ट्विट करने के लिए कौन सा वीपीएन इस्तेमाल कर रहे हैं। हम भी उसे डाउनलोड करें ताकि बिना किसी रोक-टोक ट्विट कर सकें।
विदेशी राजनयिकों का तीसरा दौरा
जम्मू कश्मीर में विदेशी राजनयिकों का यह तीसरा और यूरोपीय संघ में शामिल देशों के प्रतिनिधियों का दूसरा दौरा है। गत माह यूरोपीय संसद में जम्मू कश्मीर मुद्दे पर लाए प्रस्ताव पर अगले माह होने जा रहे मतदान से पूर्व यह दौरा अहम है। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों का पहला दल अक्टूबर 2019 के अंतिम सप्ताह के दौरान आया था। जनवरी 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में दक्षिण कोरिया, मोरक्को, नाइजीरिया, गुआना, अर्जेंटिना,नार्वे, फिलपींस, मालदीव, फिजी, पेरु, बांग्लादेश और वियतनाम समेत 15 मुल्कों के दिल्ली स्थित राजदूतों ने केंद्रीय विदेश मंत्रलय के निमंत्रण पर दौरा किया था। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने अलग से दौरा करने की इच्छा जताई थी।