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Jammu Kashmir : सुंजवां और चुआदी में 5000 कनाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा

जम्मू के बाहरी क्षेत्र सुंजवां और चुआदी क्षेत्र में पांच हजार कनाल से अधिक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा होने का बड़ा मामला सामने आया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 11:23 AM (IST)
Jammu Kashmir : सुंजवां और चुआदी में 5000 कनाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
Jammu Kashmir : सुंजवां और चुआदी में 5000 कनाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा

जम्मू, जागरण संवाददाता । जम्मू के बाहरी क्षेत्र सुंजवां और चुआदी क्षेत्र में पांच हजार कनाल से अधिक सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा होने का बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों में अधिकांश प्रभावशाली नेता व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने के बाद इन लोगों ने सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर जमीन की अपने नाम पर एंट्री भी करवा ली है। हरकत में आए प्रशासन ने अब व्यक्तिगत एंट्रियों को खारिज करने का निर्देश जारी किया है।

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जानकारी के अनुसार, गड़बड़ी का यह मामला जमीनों के राजस्व रिकॉर्ड को डिजीटल करने की प्रक्रिया व ऑडिट के दौरान सामने आया। इसके बाद राजस्व विभाग के वित्तीय आयुक्त डॉ. पवन कोतवाल ने जम्मू-कश्मीर के सभी डिप्टी कमिश्नर को राजस्व रिकॉर्ड का आडिट करने व अवैध एंट्री को खारिज करने का निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि वन विभाग, सरकारी जमीन, काचराई व गैर मुमकिन जद के अधीन आने वाली जितनी भी जमीनों की अवैध एंट्री हुई है, उन्हें खारिज किया जाए और इस प्रक्रिया की नियमित समीक्षा हो। इसके बाद जम्मू की डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने सुंजवां गांव में वन विभाग की 4945 कनाल 12 मरला जमीन पर हुई व्यक्तिगत एंट्रियों को खारिज करने का निर्देश दिया। इसी तरह चुआदी क्षेत्र में 331 कनाल तीन मरला सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके राजस्व रिकॉर्ड में व्यक्तिगत एंट्रियां करवाई गई थी, जिन्हें भी सुषमा चौहान ने खारिज करने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया है कि ये सभी एंट्रियां जम्मू-कश्मीर लैंड रेवन्यू एक्ट 1996 तथा जम्मू-कश्मीर फारेस्ट एक्ट 1997 का उल्लंघन करके हुई है।

तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्र में जांच के निर्देश 

डिप्टी कमिश्नर सुषमा चौहान ने जम्मू जिले के सभी तहसीलदारों को भी अपने-अपने क्षेत्र में ऐसी अवैध एंट्रियों की निशानदेही करने का निर्देश दिया है। तहसीलदारों को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है, ताकि जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाया जा सके।

हेराफेरी में नप सकते हैं कई अधिकारी 

सूत्रों के अनुसार, राजस्व विभाग भी जांच करने में जुटा है कि आखिर जमीनों की प्रभावशाली लोगों के नाम पर एंट्री करने के पीछे कौन अधिकारी व कर्मी शामिल हैं। आने समय में कुड भ्रष्ट अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

कुछ वर्षों में ही बन गई बड़ी-बड़ी इमारतें 

कुछ वर्ष पहले तक सुंजवां और चुआदी क्षेत्र में ज्यादा आबादी नहीं थी। अधिकतर क्षेत्र खाली था और नाले व खड्डों के किनारों कोई कब्जा नहीं हुआ था। कुछ ही वर्षों में अब वहां नालों के किनारे कब्जे और बड़ी-बड़ी इमारतें बन चुकी हैं। पूरी जांच में कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।


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