लॉकडाउन की आड़ में चिनाब दरिया में बढ़ा अवैध खनन
लॉकडाउन की आड़ में जोरों से चल रहा अवैध खनन
संवाद सहयोगी, ज्यौड़ियां : लॉकडाउन की आड़ में चिनाब दरिया में अवैध खनन काफी बढ़ गया है। दरिया से रोजाना अवैध रूप से रेत निकालकर टिप्पर पुंछ और राजौरी की तरफ जाते हुए देखे जा सकते हैं। खनन माफिया इस गैरकानूनी कार्य को रात में ज्यादा अंजाम देते हैं। वहीं, पुलिस और प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने हैं। गौरतलब है कि कोर्ट की तरफ से दरिया में खनन पर रोक है। इसके बावजूद खनन माफिया सरेआम इसका उल्लंघन कर रहा है और पुलिस आंखें मूंदे बैठी है।
स्थानीय लोगों के मुताबिक रोजाना चिनाब दरिया से करीब दर्जनभर टिप्पर रेत और बजरी निकालकर ले जाते हैं। पुलिस के नाकों से भी वे आसानी से गुजर जाते हैं, लेकिन पुलिस कर्मी उन्हें नहीं रोकते हैं। जम्मू जिले में शाम सात से सुबह सात बजे तक कर्फ्यू है और धारा 144 लागू है, लेकिन खनन माफिया बिना किसी परेशानी के अपना काम कर रहा है। ऐसे टिप्पर रोजाना चौकी चौरा, अखनूर के फव्वारा चौक और छपड्डी का नाका पार कर चिनाब दरिया की तरफ जाते हैं। रेत भरने के बाद वे फिर इन्हीं नाकों को पार कर पुंछ और राजौरी निकल जाते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। कोई अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं
एसडीपीओ, अखनूर अजय कुमार ने कहा कि पुलिस दिन में भी काम कर रही है और रात में भी। अवैध खनन को रोकना और उसे सील करना खनन विभाग के डीएमओ काम है। जब खनन विभाग के डीएमओ राकेश से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका तबादला हो गया है। मैं नए डीएमओ का नंबर देता हूं, लेकिन न तो उन्होंने नंबर दिया और न बाद में फोन ही उठाया। खौड़ के एसडीएम अनिल ठाकुर से भी इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इंद्री गांव से पुंछ और राजौरी की तरफ यदि ऐसे टिप्पर जा रहे हैं तो वहां पर पुलिस के नाके हैं। पुलिस को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए। ------------
स्थानीय लोगों ने जताया रोष
ज्यौड़ियां के रहने वाले अजय कुमार, अशोक कुमार, संजय कुमार ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि लॉकडाउन में पुलिस ने कई बार आम जनता पर डंडे बरसाए हैं, लेकिन गैरकानूनी काम करने वाले लोगों को कुछ नहीं कर रही है। चिनाब से रोजाना अवैध खनन हो रहा है और पुलिस चुपचाप खड़ी तमाशा देख रही है। उन्होंने कहा कि यदि इसी तरह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब स्थानीय लोग इसके विरोध में खुद आवाज उठाएंगे।