आइआइटी जम्मू के छात्र फेस शील्ड कर रहे तैयार
कोरोना वायरस की रोकथाम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जम्मू के छात्र भी अपना योगदान दे रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कोरोना वायरस की रोकथाम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जम्मू के छात्र भी अपना योगदान दे रहे हैं। आइआइटी के छात्रों ने कोरोना योद्धाओं के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट के साथ इस्तेमाल होने वाले फेस-शील्ड का नया डिजाइन तैयार किया है। इन्हें जल्द ही ट्रायल के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस को सौंपा जाएगा। आइआइटी जम्मू के निदेशक मनोज सिंह गौड़ ने बताया कि थोड़े ही समय में फेस-शील्ड का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है। इसके उत्पादन के लिए 3-डी ¨प्रटर का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बाद संस्थान को बंद कर दिया गया था। कुछ छात्र और संस्थान के सदस्यों ने पीपीई किट को विकसित करने में रुचि दिखाई तो उन्होंने भी स्वीकृति दे दी। इस बीच छात्रों ने एक फेस-शील्ड विकसित किया। यह ऐसा डिजाइन है जिसका थोड़े समय में ज्यादा उत्पादन संभव है। गौड़ ने बताया कि आइआइटी जम्मू के कुछ अन्य छात्र वेंटीलेटर, यूवी सैनिटाइजेशन चैंबर्स सहित दो से तीन अन्य उत्पाद विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में यह उपकरण काफी हद तक सहायक साबित होंगे। वेंटीलेटर का पहला नमूना आने में चार से छह सप्ताह का समय लगेगा। उन्होंने बताया कि आइआइटी जम्मू ऑक्सीजन कनसंट्रेटर डिजाइन भी तैयार कर रहा है। वहीं, एसपी रूरल सुरम ¨सह ने बताया कि फेस शील्ड का पहले परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद ही इसे जवानों को दिया जाएगा। संस्थान के मैकेनिकल इंजीनिय¨रग विभाग के सहायक अभियंता विजय कुमार पाल ने बताया कि इस समय उनके विभाग के छात्र पॉजिटिव-प्रेशर रेस्पिरेटरी सिस्टम (पीपीआरएस) पर काम कर रहे हैं। ये उपकरण पोस्ट-कोविड मरीजों के लिए भी सहायक साबित होगा। बच्चों ने जो फेस-शील्ड तैयार किया है, उसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। संस्थान की ओर से जिस वेंटीलेटर को तैयार किया जा रहा है, उसकी लागत भी कम होगी।