Militancy in Kashmir: आतंकियों के वर्चुअल सिमकार्ड नेटवर्क का तोड़ जल्द निकालेंगे पुलिस साइबर विशेषज्ञ
पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ सीआरपीएफ के दोनों शहीद जवानों धीरेंद्र त्रिपाठी और शैलेंद्र प्रताप सिंह के पार्थिव शरीर उनके परिजनों के पास भेजे गए। श्रद्धांजलि समारोह में विशेष महानिदेशक सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन और आइजी आप्रेशनस कश्मीर सीआरपीएफ दीपक रत्न समेत पुलिस व सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो।आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मंगलवार को कहा कि पुलिस के साइबर विशेषज्ञ आतंकियों के वर्चुअल सिमकार्ड नेटवर्क से निपटने का जल्द ही कोई उपाय खोज लेंगे।उन्होंने यह दावा आज हुमहामा स्थित सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित एक श्रद्धांजली समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान किया। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले कोई अप्रत्याशित नहीं हैं, घबराने की जरुरत नहीं है। स्थिति पूरी तरह से सुरक्षाबलों के नियंत्रण में है।
गत सोमवार को पांपोर के निकट एक आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के दो जवानों धीरेंद्र त्रिपाठी और शैलेंद्र प्रताप सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की गई। पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ दोनों जवानों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों के पास भेजे गए। श्रद्धांजलि समारोह में विशेष महानिदेशक सीआरपीएफ जुल्फिकार हसन और आइजी आप्रेशनस कश्मीर सीआरपीएफ दीपक रत्न समेत पुलिस व सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि बीते कुछ समय के दौरान आतंकियों द्वारा आपस में बातचीत के लिए अब वर्चुअल सिम कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों ने भी वर्चुअल सिमकार्ड इस्तेमाल किया था। कश्मीर में सक्रिय कई आतंकी इस समय इन्हीं सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सुरक्षाबलों के लिए एक नयी चुनौती बन रहे हैं। इन्हें ट्रैक करना या इनका पता लगाना मुश्किल होता है। हमारे साइबर सेल के विशेषज्ञ इससे निपटने के उपायों पर काम कर रहे हैं, जल्द हम कोई न कोई युक्ति निकाल लेंगे।
हाईवे पर आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों पर हमले की बढ़ती घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर आइजीपी ने कहा कि प्रत्येक वाहन की जांच नहीं की जाती। अगर करेंगे तो आम लोगों को बहुत असुविधा होगी। सुरक्षाकर्मी सिर्फ उन्हीं वाहनों को रोककर तलाशी लेते हुए, जिनके बारे में खुफिया तंत्र द्वारा कोई अलर्ट जारी किया गया हो या फिर जिनमें आतंकियों व उनके समर्थकों के बैठे होने की आशंका हो। इसके अलावा हाईवे पर कई जगह भीड़ भी बहुत होती है, आम लोगों की आवाजाही रहती है, कई संपर्क सड़कें भी हाईवे से जुड़ी हुई हैं। इसका फायदा आतंकी लेते हैं।
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए और हाईवे पर हुए विभिन्न आतंकी हमलों के आंकलन के आधार पर हम एक रणनीति बना रहे हैं। यह रणनीति हाईवे पर आतंकी हमले की दृष्टि से पूरी तरह सुरक्षित होगी। अगर कभी आतंकी हमला करेंगे तो पकड़े जाएंगे या मारे जाएंगे। पांपोर हमले के बाद आतंकियों द्वारा शहीद सीआरपीएफ कर्मियों के हथियार लूटे जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर आइजी आप्रेशनस कश्मीर सीआरपीएफ ने कहा कि यह सिर्फ अफवाह है। आतंकियों के हमले के दौरान हमारे 5 जवान घायल हो गए थे, लेकिन अन्य जवानों ने आतंकियों पर जवाबी फायर किया। आतंकियाें को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा।
घायल जवानों में से दो जवानों की अस्पताल में मृत्यु हो गई। अन्य तीन की हालत स्थिर व खतरे से बाहर है। हमले में लिप्त आतंकियों को चिन्हित किया जा चुका है। उनके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। हम जल्द ही उन्हें पकड़ लेंगे या मार गिराएंगे।