Amshipora Fake Encounter: अशीमपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवकों के DNA राजौरी के परिवारों से मिले
आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि आज 40 दिनों के अंतराल के बाद है आई डीएनए की रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि मुठभेड़ में मार गिराए गए तीन युवक जिन्हें सेना आतंकवादी बता रही है के नमूने परिवार से मेल खाते हैं।
श्रीनगर, जेएनएन। सेना के बाद अब जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी इस बात पर मुहर लगा दी है कि अशीमपोरा मुठभेड़ में मारे गए तीनों संदिग्ध आतंकवादी राजौरी से लापता हुए तीन युवक ही हैं। उनके माता-पिता के लिए गए डीएनए (DNA) के नमूनों का संदिग्ध आतंकवादियों के नमूनों से मिलान हो गया है। आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि हम कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं और जल्द ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
श्रीनगर पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) में पत्रकारों को संबाेधित करते हुए आइजीपी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस ने 18 जुलाई को शोपियां के अमशीपोरा मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध आतंकवादियों के माता-पिता के छह डीएनए नमूने एकत्र किए थे। इसके लिए कश्मीर से पुलिस की विशेष टीम को राजौरी भेजा गया था। टीम में शामिल अधिकारी तीनों युवकों के परिजनों से मिले, उनसे पूछताछ की और डीएनए के नमूने भी लिए। आज 40 दिनों के अंतराल के बाद है आई डीएनए की रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया है कि मुठभेड़ में मार गिराए गए तीन युवक, जिन्हें सेना आतंकवादी बता रही है, के नमूने परिवार से मेल खाते हैं।
आपको जानकारी हो कि 18 सितंबर को सैन्य अधिकारियों ने भी अपने बयान में यह बात कही थी कि शोपियां अमशीपोरा ऑपरेशन में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ द्वारा दिए गए निर्देशों, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मंजूरी दी है, का उल्लंघन किया गया था। यही नहीं जांच के दौरान मिले सबूतों से यह भी पता चलता है कि ऑपरेशन के दौरान, सेना ने AFSPA 1990 के तहत निहित शक्तियाें काे पार किया है। इसी जांच के आधार पर सेना ने मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सेना अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश भी दिए थे।
सेना द्वारा दिए गए इस बयान के बाद मारे गए युवकों के परिवारों ने अपने प्रियजनों के शवों को राजौरी में सुपुर्द-ए-खाक करने करने की मांग की थी। आपको यह जानकारी भी हो कि राजौरी के तीन परिवारों ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के जरिए अपने बेटों की पहचान की थी। उनके इस दावे के बाद सेना ने जांच का आदेश दिया था। इसके अलावा प्रशासन ने पुलिस से अलग से मामले की जांच करने को कहा था।
आइजीपी विजय कुमार ने कहा कि डीएनए की रिपोर्ट आने के बाद और यह साबित होने पर कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों युवक राजौरी के ही थे, कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद पुलिस अपनी अगली कार्रवाई करेगी।