Mehbooba का पाकिस्तान राग, कहा- चीन से बातचीत हो रही है तो पाकिस्तान से भी होनी चाहिए
उन्होंने कहा कि जब चीन ने हमारे जवानों को मारा और हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है फिर भी उससे बातचीत की जा रही है तो पाकिस्तान से भी बातचीत क्यों नहीं की जा सकती है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान से बातचीत कर इस खूनखराबे को रोका जाए।
किश्तवाड़, जेएनएन : जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रधान महबूबा मुफ्ती ने फिर पाकिस्तानी राग अलापा। उन्होंने कहा कि जब चीन ने हमारे जवानों को मारा और हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है फिर भी उससे बातचीत की जा रही है तो पाकिस्तान से भी बातचीत क्यों नहीं की जा सकती है। हम चाहते हैं कि पाकिस्तान से बातचीत कर इस खूनखराबे को रोका जाए। भाजपा को घेरते हुए महबूबा ने कहा कि कब तक भाजपा जवानों और आम इंसानों के खून पर सियासत करती रहेगी? महबूबा सोमवार को किश्तवाड़ जिले में पार्टी की बैठक में भाग लेने गई थीं।
महबूबा मुफ्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि वाजपेई जी के दौर में भी पाकिस्तान से बातचीत की गई थी। उसके बाद यहां पर हालात सुधरे थे। शांति बहाल हुई थी। लेकिन आज फिर वही दौर शुरू हो गया है। उन्होंने हाल ही में श्रीनगर में आतंकियों द्वारा मारे गए नागरिकों लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि अगर सरकार की नीति ठीक होती तो शायद ये लोग जिंदा होते। ऐसे ही और भी कई मुद्दों पर महबूबा मुफ्ती ने मौजूदा प्रदेश प्रशासन और केंद्र सरकार की आलोचना की।
कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र सरकार हमें दबाने की कोशिश कर रही है, इसीलिए उन्होंने 370 को हटाया जो कि हमारी एक पहचान थी। आज कश्मीर के हालात फिर से खराब हैं। रोजाना खून खराबा हो रहा है। बेकसूर लोग मारे जा रहे हैं। कुछ लोगों को बेवजह तंग किया जा रहा है। लेकिन सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही 370 और 35ए हटाने का विरोध करते आ रहे हैं और करते रहेंगे।
बैठक में पूर्व एमएलसी फिरदौस अहमद टाक, पार्टी के प्रदेश सचिव शेख नासिर हुसैन, अमरीक सिंह सहित और भी कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। कार्यक्रम में स्थानीय नेताओं ने अपने अपने भाषण में स्थानीय मुद्दों को पार्टी अध्यक्ष के सामने रखा। कुछ ने बेरोजगारी की बात की तो कुछ ने इलाके के विकास के बारे में। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अनुच्छेद 370 और 35ए पर अपने अपने विचार रखे।