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Jammu Kashmir: 31 जनवरी तक ऑनलाइन अचल संपत्ति का रिटर्न भरें आइएएस अधिकारी, देर करने पर नहीं मिलेगा विजिलेंस क्लीयरेंस

प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन अचल संपत्ति रिटर्न भरने में देरी करने वाले आइएएस अधिकारियों को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार के अनुसार आनलाइन रिटर्न न भरने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

By lokesh.mishraEdited By: Published: Fri, 01 Jan 2021 07:15 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:15 PM (IST)
Jammu Kashmir: 31 जनवरी तक ऑनलाइन अचल संपत्ति का रिटर्न भरें आइएएस अधिकारी, देर करने पर नहीं मिलेगा विजिलेंस क्लीयरेंस
सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को 31 जनवरी तक ऑनलाइन अचल संपत्ति रिटर्न भरने के निर्देश दिए हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रदेश में तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को 31 जनवरी तक ऑनलाइन अचल संपत्ति रिटर्न भरने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन अचल संपत्ति रिटर्न भरने में देरी करने वाले आइएएस अधिकारियों को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रैनिंग के अनुसार आनलाइन रिटर्न न भरने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

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जम्मू कश्मीर में कई आइएएस अधिकारियों ने ऑनलाइन संपत्ति रिर्टन भरने के बजाय सामान्य प्रशासनिक विभाग में स्वयं सौंपी है। नियमों के अनुसार यह सही नहीं है। ऐसे में सामान्य प्रशासनिक विभाग के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने निर्देश जारी किए हैं कि अधिकारी या ताे आनलाइन माड्यूल में इलेक्ट्रानिक तरीके से रिर्टन भरें या फिर संपत्ति रिटर्न की कापी अपलोड करें। रिटर्न भरने वाला आनलाइन माड्यूल 31 जनवरी के बाद बंद हो जाएगा।

केंद्र सरकार के वर्ष 1968 के सेवा नियम 16(2) के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियाें के लिए अचल संपत्ति का ब्योरा देना जरूरी है। अब ऑनलाइन रिर्टन भरने के लिए माड्यूल वर्ष 2017 से काम कर रहा है। जम्मू कश्मीर के कई आइएएस अधिकारियों ने वर्ष 2018 से आनलाइन रिर्टन नहीं भरें हैं। उन्होंने अपनी रिर्टन की कापियां जमा करवाई हैं। ऐसे में सरकार ने उन्हें सख्ती से आनलाइन रिर्टन भरने के लिए कहा है। केंद्र सरकार ने तीन साल पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए आनलाइन रिर्टन भरना अनिवार्य है। ऐसा न करने से अधिकारियों को पदोन्नति आदि में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने यह कार्रवाई प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता लाने के मकसद से की है।


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