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चार दिन में पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी

चार दिन पहले जिस वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था वीरवार को फिर टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई। यही नहीं तीन अन्य अधिकारियों के टेस्ट भी नेगेटिव आए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:21 AM (IST)
चार दिन में पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी
चार दिन में पॉजिटिव से निगेटिव हुए वरिष्ठ आइएएस अधिकारी

राज्य ब्यूरो, जम्मू : चार दिन पहले जिस वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था वीरवार को फिर टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई। यही नहीं तीन अन्य अधिकारियों के टेस्ट भी नेगेटिव आए। इससे प्रशासन ने तो राहत की सांस ली, परा लेकिन मेडिकल कॉलेज में होने वाले टेस्ट पर सवाल उठने लगे हैं।

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सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ आइएएस अधिकारी का टेस्ट मेडिकल कॉलेज जम्मू के माइक्रोबायालोजी विभाग में हुआ था। यह टेस्ट पाजिटिव आया था। इसके बाद उक्त अधिकारी को श्री माता वैष्णो देवी के नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। यही नहीं सात अन्य आइएएस अधिकारियों, जम्मू के मेयर सहित 86 अन्य अधिकारियों व कर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने के 10 दिन बाद फिर से टेस्ट किया जाता है। उक्त अधिकारी ने अपना टेस्ट तीन दिन बाद ही करवा दिया। सूत्रों का कहना है कि यह टेस्ट भी दो लैब में करवाया। इनमें एक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन और दूसरा कमान अस्पताल ऊधमपुर की लैब से टेस्ट करवाए। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही लैब में टेस्ट नेगेटिव आया। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने भी टेस्ट नेगेटिव आने की पुष्टि की है। वहीं सूत्रों का कहना है कि क्वारंटाइन में गए तीन अन्य आइएएस अधिकारियों के टेस्ट भी नेगेटिव आए हैं। इनमें एक सचिव और दो आयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं, लेकिन चार दिन में ही आइएएस अधिकारी के टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद नेगेटिव आने से मेडिकल कॉलेज में हो रहे टेस्टों पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।

रिपोर्ट नहीं आई : जीएमसी

मेडिकल कालेज के कार्यवाहक प्रिसिपल डॉ. आशुतोष का कहना है कि उनके पास कोई रिपोर्ट नहीं आई है। वह इस मामले पर कुछ भी नहीं कह सकते। यह गंभीर मामला : स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चार दिन में पॉजिटिव से नेगेटिव दो ही कारणों से आ सकता है। एक अगर वह पहले से पॉजिटिव हो और उसे डायग्नोस बाद में हुआ हो। दूसरा अगर उसके सैंपल की ही सही जांच न हुई हो। यह गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए। लद्दाख में कोरोना संक्रमण के चार और नए मामले

राज्य ब्यूरो, जम्मू : लद्दाख में कोरोना संक्रमण मामलों में तेजी से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। वीरवार को लद्दाख में संक्रमण के चार नए मामले सामने आए हैं। हाल ही में कोरोना से पूर्व केंद्रीय मंत्री के निधन के बाद लेह में प्रशासन ने संक्रमण रोकने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। ऐसे हालात में लेह के डिप्टी कमिश्नर सचिन कुमार ने शेनाम इलाके को सील कर क्षेत्र में लोगों की स्क्रीनिग करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस इलाके में सरकारी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने के साथ किसी भी प्रकार की कोई छूट नहीं जा रही है। सुबह आठ से दो बजे तक इलाके में लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। वीरवार को लद्दाख में संक्रमित चार मामलों में तीन कारगिल व एक लेह जिले से हैं। तीन दिन के अंदर लेह में संक्रमण के सोलह मामले प्रकाश में आ चुके हैं। बुधवार को लद्दाख में नौ मामले प्रकाश में आए थे। अब तक लद्दाख में कोरोना से एक मौत हुई है व 48 लोग ठीक होकर अस्पताल से जा चुके हैं। लेह व कारगिल जिलों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने स्क्रीनिग की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। लेह में हाल ही में स्थापित की कोविड लैब में रोज 50 टैस्ट की जांच करने की क्षमता है। ऐसे में सैंपलों को जांच के लिए दिल्ली भेजने की जरूरत पड़ रही है।लद्दाख में मई में सभी 43 संक्रमित मरीज ठीक हो गए थे। 18 मई को एक ही दिन में 19 मरीजों के ठीक होने से यह केंद्र शासित प्रदेश कोरोना मुक्त हो गया था। उसके बाद से लद्दाख में कोरोना संक्रमण के 51 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें से पांच लोग ठीक होकर जा चुके हैं। संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने पर लैब तकनीशियन निलंबित

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : स्वास्थ्य विभाग ने चाडूरा बडगाम में कोविड-19 प्रोटोकाल भंग कर घरों में संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने के आरोपी एक लैब तकनीशियन को निलंबित कर दिया है।

चाडूरा बडगाम में एक टी-स्टाल मालिक के कोरोना संक्रमित होने पर विवाद पैदा हो गया था। उस व्यक्ति ने दावा किया था कि उसने कभी कोरोना की पुष्टि के लिए जांच नहीं कराई और न ही अस्पताल गया, जहां उसका किसी ने सैंपल लिया हो। उसने कहा कि उसे जबरन जेवीसी अस्पताल बेमिना के आइसोलेशन वार्ड मे भर्ती किया गया है। अलबत्ता, लैब तकनीशियन निसार अहमद गनई ने टी-स्टाल मालिक के दावों को नकारते हुए कहा कि उसका सैंपल उसके घर में जाकर लिया गया है। वह खुद उसका सैंपल लेने गया था।

बडगाम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तजुम्मल हुसैन खान ने वीरवार को इस मामले का नोटिस लेते हुए लैब तकनीशियन को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का सैंपल उसके घर में जाकर नहीं लिया जा सकता। यह प्रोटोकाल का उल्लंघन है। इसलिए यह कार्रवाई की गई है। हालांकि टी-स्टाल मालिक के सैंपल में उसके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है।


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