नवीन जम्मू-कश्मीर का डोमिसाइल पाने वाले पहले आइएएस अधिकारी, अब तक 25000 सर्टिफिकेट बने
डोडा पुंछ और राजौरी में आवेदन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है। जम्मू-कश्मीर में दस हजार नौकरियों की घोषणा हो चुकी है।
जम्मू, जेएनएन। नवीन कुमार चौधरी जम्मू-कश्मीर का डोमिसाइल हासिल करने वाले पहले आइएएस अधिकारी बन गए हैं। चौधरी को डोमिसाइल सर्टिफिकेट जम्मू की बाहु तहसील के तहसीलदार डॉ रोहित शर्मा ने जारी किया है। चौधरी इस समय एग्रीकल्चर प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में बतौर प्रमुख सचिव का पद्भार संभाले हुए हैं।जम्मू-कश्मीर डोमिसाइल कानून के तहत 15 साल से रहने वाले नागरिकों को यह सर्टिफिकेट हासिल करने का अधिकार है। आइएएस अधिकारी नवीन चौधरी 25 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर का कैडर हासिल कर बिहार से आए थे। आज 26 साल बाद वह जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिक बन गए हैं। सोशल मीडिया पर नवीन कुमार चौधरी का डोमिसाइल सर्टिफिकेट वायरल हो रहा है।
अब तक जम्मू-कश्मीर में 25000 से अधिक लोगों ने यह सर्टिफिकेट हासिल कर लिया है। जम्मू संभाग में डोमिसाइल बनाने के लिए अधिक लोग सामने आ रहे हैं जबकि कश्मीर में यह संख्या कम है। सरकारी सूत्रों के अनुसार अभी तक विभिन्न तहसील कार्यालयों में 33 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। इनमें 32000 हजार के करीब आवेदन जम्मू संभाग के दस जिलों में आए हैं जबकि कश्मीर में मात्र 700 से 800 लोगों ने ही डोमिसाइल के लिए आवेदन किया है। यही नहीं श्रीनगर जिले में 100 के करीब आवेदन आए हैं परंतु अभी तक यहां किसी को भी डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है।
डोडा, पुंछ और राजौरी में आवेदन करने वालों की संख्या सबसे अधिक है। जम्मू-कश्मीर में दस हजार नौकरियों की घोषणा हो चुकी है। इसे देखते हुए युवा उम्मीदवार डोमिसाइल सर्टिफिकेट तेजी के साथ बनवा रहे हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री स्कालरशिप विशेष योजना के लिए भी डोमिसाइल की जरूरत है।
सूत्राें से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर संभाग में अभी तक 500 के करीब डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी हो चुके हैं जबकि जम्मू संभाग के जिला डोडा में अब तक सबसे अधिक सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। यहां 8500 से अधिक लोगों ने यह प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है। वहीं जिला राजौरी में 6214, पुंछ में 6123 और जम्मू में 2820 प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा जम्मू संभाग में अभी 500 से अधिक आवेदन जांच प्रक्रिया में हैं। डोमिसाइल सर्टिफिकेट हासिल करने वाला गैर-स्थानीय व्यक्ति अब केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में शिक्षा, रोजगार और जमीन खरीदने का हकदार है।