Move to Jagran APP

Jammu Kashmir: फर्जी गन लाइसेंस केस में आइएएस और केएएस अधिकारी गिरफ्तार

राजस्थान एंटी टेरर स्क्वायड के अनुसार 143014 मामलों में से 132321 गन लाइसेंस जम्मू संभाग के डोडा रामबन और उधमपुर जिलों में बने हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 02:21 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 02:21 PM (IST)
Jammu Kashmir: फर्जी गन लाइसेंस केस में आइएएस और केएएस अधिकारी गिरफ्तार
Jammu Kashmir: फर्जी गन लाइसेंस केस में आइएएस और केएएस अधिकारी गिरफ्तार

 जम्मू, राज्य ब्यूरो: जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर बने फर्जी गन लाइसेंस मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने कुपवाड़ा के दो पूर्व जिला मजिस्ट्रेट को गिरफ्तार किया है। इनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) अधिकारी राजीव रंजन और कश्मीर प्रशासनिक सेवा (केएएस) अधिकारी इतरत हुसैन शामिल हैं। दोनों पर फर्जी गन लाइसेंस मामले में शामिल होने के सुबूत मिले हैं। सीबीआइ प्रवक्ता ने रविवार को दोनों अधिकारियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भी इस मामले की गाज गिरना तय माना जा रहा है।

loksabha election banner

सीबीआइ प्रवक्ता के अनुसार इतरत व राजीव ने कुपवाड़ा में जिला मजिस्ट्रेट पद पर तैनाती के दौरान नियमों का उल्लंघन कर बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों पर गन लाइसेंस जारी किए। सीबीआइ ने जम्मू-कश्मीर सरकार को विश्वास में लेकर केंद्र की अधिसूचना के आधार पर कश्मीर में 17 मई, 2018 को फर्जी गन लाइसेंस जारी होने का मामला दर्ज किया था। आरोप थे कि जम्मू-कश्मीर में 2012 से 2016 के बीच कई जिलों के डीसी ने नियमों ताक पर रखकर गन लाइसेंस जारी किए थे।

दो महीने पहले हुई थी बड़ी छापेमारी : दो महीने पहले सीबीआइ ने दो आइएएस और छह केएएस अधिकारियों के घरों और कार्यालयों में दबिश देकर रिकॉर्ड जांचा था। सीबीआइ ने आइएएस यशा मुद्गल, आइएएस कुमार राजीव रंजन, कुपवाड़ा के पूर्व डीसी इतरत हुसैन, किश्तवाड़ के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट सलीम मुहम्मद, किश्तवाड़ के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट रहे मुहम्मद जावेद खान, राजौरी के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट फकीर चंद भगत, डोडा के पूर्व जिला मजिस्ट्रेट फारूक अहमद और पुलवामा के पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जहांगीर के घरों पर दबिश दी थी।

पिछले साल सीबीआइ को सौंपी थी जांच: सीबीआइ को इस मामले की जांच पिछले साल अगस्त में सौंपी गई थी। सीबीआइ विभिन्न जिलों से एक दशक में दो लाख के गन लाइसेंस जारी करने की जांच कर रही है। अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रिश्वत लेकर अन्य राज्यों के लोगों को लाइसेंस जारी किए।

स्थानीय लोगों के केवल 10 फीसद लाइसेंस ही: राजस्थान एंटी टेरर स्क्वायड के अनुसार 1,43,014 मामलों में से 1,32,321 गन लाइसेंस जम्मू संभाग के डोडा, रामबन और उधमपुर जिलों में बने हैं। पूरे राज्य में 4,29,301 गन लाइसेंस बने। उनमें से 10 फीसद लाइसेंस ही जम्मू-कश्मीर के रहने वाले लोगों के थे। शुरुआती जांच के समय इसे ऑपरेशन जुबेदा नाम दिया गया था। कुपवाड़ा जिले से शुरू हुआ। इस दौरान पाया गया कि जिले में गन लाइसेंस का रिकॉर्ड कहीं नहीं है। कई लाइसेंस फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए थे। यह भी सामने आया था कि कुछ लाइसेंस सैनिकों व जवानों के नाम पर फर्जी भी बने हैं। अर्धसैनिक बलों, बीएसएफ, सेना, आरपीएफ आदि से भी उन जवानों का ब्योरा मांगा गया था, जिनके नाम पर लाइसेंस बने हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.