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हुर्रियत ने फिर किया वीरवार को कश्मीर बंद का आहवान

अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंटस लीडरशिप ने आतंकियों और पत्थरबाजों की मौत पर कड़ा एतराज जताते वीरवार को कश्मीर बंद का आहवान किया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 11 Apr 2018 04:01 PM (IST)Updated: Wed, 11 Apr 2018 04:01 PM (IST)
हुर्रियत ने फिर किया वीरवार को कश्मीर बंद का आहवान
हुर्रियत ने फिर किया वीरवार को कश्मीर बंद का आहवान

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंटस लीडरशिप ने बुधवार को कुलगाम में आतंकियों और पत्थरबाजों की मौत पर कड़ा एतराज जताते हुए वीरवार को कश्मीर बंद का आहवान किया है। सिर्फ यही नहीं जेआरएल का संयुक्त रुप से नेतृत्व कर रहे मीरवाईज मौलवी उमर फारुक, कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक ने लोगों से कश्मीर में आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षाबलों द्वारा शुरु किए गए अाप्रेशन आल आऊट के खिलाफ एक बड़े जनांदोलन के लिए खुद को मानसिक रुप से तैयार रखने को भी कहा है।

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इस बीच, पुलिस ने जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक और पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर हिलाल अहमद वार को उनके साथियों संग एक राष्ट्रिवरोधी जुलूस निकालने से रोकते हुए हिरासत में ले लिया। मीरवाईज मौलवी उमर फारुक का सुबह ही सुरक्षाबलों ने उनके घर में नजरबंद कर दिया था जबकि कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी गत सप्ताह से ही अपने घर में नजरबंद हैं।

यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि आतंकी बुरहान की मौत के बाद से विभिन्न अलगाववादी संगठनों ने कश्मीर में आपसी समन्वय को बनाए रखते हुए राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के संचालन के लिए ही कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी,उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक के साझा नेतृत्व में जेआरएल बना रखी है।

हालांकि आज जेआरएल ने आसिफा दुष्कर्म एवं हत्या मामले के खिलाफ दोपहर को नमाज के बाद विरोध प्रदर्शनों का आहवान कर रखा था। लेकिन कुलगाम मुठभेड़ को देखते हुए जेआरएल नेताओं ने लालचौक के साथ सटे आबीगुजर से जुलूस निकालने का आहवान किया। मीरवाईज और गिलानी नजरबंदी के चलते नहीं पहुंच पाए और जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक ने पीपुल्स पोलिटीकल पार्टी के अध्यक्ष इंजीीनियर हिलाल वार ने अन्य अलगाववादी नेताओं की मौजूदगी में वहां पत्रकारों को संबोधित किया। गिलानी और मीरवाईज ने फोन पर ही वहां मौजूद लोगों के समक्षक अपनी बात रखी।

कश्मीर की आजादी और कश्मीर में निजाम ए मुस्तफा के हक में नारे लगाते हुर्रियत कार्यकर्त्ताओं ने आसिफा के पोस्टर भी उठा रखे थे। आसिफा के हत्यारों के लिए फांसी की मांग करते हुए अलगाववादी नेताओं ने लोगों से कुलगाम में हुई मौतों के खिलाफ वीरवार को कश्मीर बंद को कामयाब बनाने व नमाज के बाद हिंदोस्तान के िखलाफ प्रदर्शन करने के लिए कहा। मलिक, वार, मीरवाईज और गिलानी ने अपने संबोधन में लोगों से कहा कि यहां जम्मू कश्मीर में मुस्लिमों के सुनियोजित नरसंहार को भारतीय सुरक्षाबल अंजाम दे रहे हैं। लेकिन जम्मू कश्मीमर के लोग अपने हक ए आजादी को लिए बगैर कभी नहीं झुकेगा। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों की हिफाजत खुदा करेगा। अलगाववादी नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय जगत से भारत को एक आतंकी राष्ट्र घोषित करने की मांग करते हुए लोगों से कहा कि वह वीरवार के बंद को कामयाब बनाएं।

इसके बाद मलिक और हिलाल वार के नेतृत्व में भड़काऊ नारेबाजी करते हुए, आसिफा के हत्यारों के लिए फांसी की मांग करते हुए अलगाववािदयों ने लालचौक की तरफ मार्च किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें आबीगुजर के बाहरी छोर पर पर रोक लिया। जब अलगाववािदयों ने जबरन आगे जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए मलिक व हिलाल वार समेत सात लोगों को िहरासत में ले,अन्य को वहां से खदेड़ दिया।  


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